चाबहार पोर्ट, जो भारत के लिए एक रणनीतिक महत्व रखता था, पर अमेरिका ने हाल ही में कड़े प्रतिबंध लगाकर भारत को झटका दिया है। यह पोर्ट ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है और भारत के पश्चिमी तट के करीब है। भारत ने इस पोर्ट को विकसित करने में भारी निवेश किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों तक पहुंच बनाना था।
अमेरिका के इस कदम के पांच प्रमुख प्रभाव हैं:
1. **पाकिस्तान को दरकिनार करने का सपना टूटा:** चाबहार पोर्ट भारत को अफगानिस्तान तक सामान भेजने के लिए एक वैकल्पिक और सुरक्षित मार्ग प्रदान करता था। अमेरिका के इस फैसले से यह सपना अधूरा रह गया है, और भारत को फिर से पाकिस्तान पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
2. **व्यापार और INSTC पर असर:** चाबहार पोर्ट भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता। INSTC के जरिए मध्य एशिया और यूरोप के साथ व्यापार आसान हो जाता। अमेरिका के इस कदम से इस गलियारे के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है, जिससे व्यापार को नुकसान हो सकता है।
3. **अफगानिस्तान और भारत का संबंध खतरे में:** भारत ने चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल अफगानिस्तान को मानवीय सहायता और व्यापारिक सामान भेजने के लिए किया है। अमेरिका के इस कदम से अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव कमजोर हो सकता है।
4. **पाकिस्तान में चीन का ग्वादर पोर्ट मजबूत:** चीन ने पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट विकसित किया है, जो चाबहार के करीब है। अमेरिका के इस फैसले से ग्वादर पोर्ट को अप्रत्याशित फायदा मिलेगा।
5. **विदेश नीति पर दबाव:** यह घटना भारत की विदेश नीति के लिए एक बड़ी परीक्षा है। भारत को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को भी संभालना है और अपने व्यापारिक हितों की रक्षा भी करनी है। भारत सरकार इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर हल करने की कोशिश कर रही है।