अमेरिका द्वारा ड्रग्स नियंत्रण के नाम पर वेनेजुएला पर दबाव बनाने के बाद, राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार ने अमेरिका का मुकाबला करने के लिए तीन व्यापक योजनाएँ बनाई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य अमेरिका के प्रभाव को कम करना और अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना है।
**योजना 1: अमेरिकी विरोधियों के साथ गठबंधन**
वेनेजुएला सरकार उन देशों के साथ संपर्क साध रही है जो अमेरिका के प्रबल विरोधी हैं। इस प्रयास में चीन सबसे आगे है, जिसने वेनेजुएला के प्रति समर्थन व्यक्त किया है और अमेरिकी कार्रवाई की आलोचना की है। ईरान के साथ भी सहयोग बढ़ रहा है, दोनों देश अमेरिकी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने पर सहमत हुए हैं। ब्राजील और रूस जैसे देशों को भी साथ लाने की कोशिशें जारी हैं, जो अमेरिकी नीतियों का विरोध करते रहे हैं।
**योजना 2: सैन्य तैयारियों का प्रदर्शन**
वेनेजुएला ने अपनी सीमा पर 15,000 सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया है, खासकर कोलंबिया के साथ लगती सीमा पर। अमेरिका ने भी इस क्षेत्र में 4,000 मरीन गार्ड्स और तीन युद्धपोतों को भेजा है। रिपोर्टों के अनुसार, रूस वेनेजुएला को ईरान से शाहेद ड्रोन प्रदान करेगा, जिससे वेनेजुएला अमेरिकी जहाजों पर हमला कर सकता है।
**योजना 3: अमेरिकी प्रभाव को चुनौती**
राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिका पर दुनिया में अपने घटते प्रभाव को बनाए रखने के लिए वेनेजुएला को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी मिलिशिया को सक्रिय करने की बात कही है, जिसे देश में एक खतरनाक समूह माना जाता है, जिसके संबंध ड्रग्स कार्टेल से हैं।
**तनाव की शुरुआत**
अगस्त 2025 में, अमेरिका ने राष्ट्रपति मादुरो पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया, आरोप लगाया कि वेनेजुएला के माध्यम से ड्रग्स की तस्करी हो रही है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने मादुरो को ड्रग्स कार्टेल का सरगना बताया। इस बीच, द डेली मेल ने रिपोर्ट दी कि ईरान के आतंकवादी वेनेजुएला के रास्ते अमेरिका में प्रवेश कर गए हैं, जिससे अमेरिका में खतरे की आशंका बढ़ गई है। वेनेजुएला ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अमेरिका पर उसे बदनाम करने का आरोप लगाया है।







