बांग्लादेश के नेता मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि अमीर देशों को एक ऐसी प्रणाली बनानी चाहिए जो गरीब देशों से चोरी किए गए धन की चोरी को रोक सके और उसे वापस ला सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक वित्तीय व्यवस्था गरीब देशों से धन की चोरी को रोकने में विफल रही है। यूनुस न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में बोल रहे थे।
यूनुस ने यूएनजीए में कहा कि कई विकसित देश और वित्तीय संस्थान गरीब देशों से चोरी किए गए धन को छुपाने में मदद करते हैं। उन्होंने उन सभी देशों से चोरी का धन वापस करने का आग्रह किया, क्योंकि यह धन किसानों, मजदूरों और आम लोगों का है। पिछले 15 वर्षों में अरबों डॉलर भ्रष्टाचार के माध्यम से बाहर भेजे गए हैं।
यूनुस ने कहा कि इस पैसे को वापस लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन अन्य देशों की सहायता के बिना यह कठिन है। यूनुस ने कहा कि अगस्त 2024 में हुए जन आंदोलन ने लोकतंत्र की एक नई शुरुआत की। उन्होंने वादा किया है कि सुधार जारी रहेंगे, चाहे अगला चुनाव कोई भी जीते। अगले साल फरवरी तक बांग्लादेश में चुनाव कराए जाएंगे।
यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत कर रही है और जबरन गायब किए गए लोगों से संबंधित कानून भी बना रही है। साथ ही, प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा की अपील की। रोहिंग्या संकट पर यूनुस ने कहा कि म्यांमार में हो रही हिंसा से पूरा क्षेत्र खतरे में है। उन्होंने रोहिंग्या को समान अधिकार देने और म्यांमार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने का आह्वान किया।
गाजा में हो रही मौतों पर यूनुस ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वहां बच्चों की मौत और अस्पतालों का विनाश एक जीवंत नरसंहार है। उन्होंने दो-राष्ट्र समाधान की मांग की, जिसमें फिलिस्तीन को स्वतंत्रता और पूर्वी यरूशलेम को राजधानी मिले।