Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

बाटला हाउस एनकाउंटर: आतंकी आरिज के दोषी करार होते ही परिजन खामोश, आवास पर सन्नाटा

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को दोषी करार दिया है। उसकी सजा पर फैसला 15 मार्च को आएगा। आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने 2018 में गिरफ्तार किया था। 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के आरोपी आरिज को 2018 में नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया गया था। आतंकी आरिज खान को बाटला हाउस एनकाउंटर में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या के लिए दोषी पाया गया है। आतंकी आरिज खान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद का रहने वाला है। आरिज के दोषी करार होते ही उसके आवास पर सन्नाटा पसरा है। बाटला हाउस एनकाउंटर समेत लखनऊ व अन्य कई बड़े शहरों में हुए बम धमकों में आरोपी आरिज उर्फ जुनैद पर सोमवार को न्यायालय का फैसला आ गया। फैसले में दोषी ठहराए जाने के बाद उसके गांव व शहर में स्थित घर पर सन्नाटा पसर गया। परिवार के लोग कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं। आरिज मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव का निवासी है। शहर के कोट-बाजबहादुर मोहल्ले में भी उसका घर है, जहां उसके चाचा परिवार के साथ रहते हैं। 2008 में दिल्ली में हुए बटला एनकाउंटर में इसका नाम सामने आया था। आतंकी आरिज का परिवार है शिक्षित
आतंकी आरिज का परिवार शिक्षित है। पिता जफरे आलम की 2009 में मौत हो चुकी है तो एक चाचा बदरे आलम आईएएस रह चुके हैं। दूसरे चाचा डॉ. फकरे आलम परिवार के साथ कोट/बाजबहादुर मोहल्ले में स्थित आवास पर रहते हैं और गांव नसीरपुर में डिस्पेंसरी चलाते हैं। चाचा की इसी डिस्पेंसरी पर आरिज का भाई साबिज भी रहता है।एक अन्य भाई शारिक दिल्ली में प्राइेवट नौकरी करता है। 2018 में आरिज की नेपाल बार्डर से गिरफ्तारी के बाद से ही परिजनों ने उसके मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। शहर से लेकर नसीरपुर गांव स्थित घर पर पूरी तरह से खामोशी छा गई है। सुबह से ही परिवार के लोग कोर्ट के फैसले पर नजर रखे थे। गिरफ्तारी के पूर्व उस पर 15 लाख का इनाम भी घोषित था। आरिज की मां भी शहर के बाजबहादुर मोहल्ला स्थित आवास पर रहती हैं।इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान गलत लोगों के संपर्क में आयाबाटला हाउस कांड के बाद चर्चा में आया आरिज उर्फ जुनैद शुरू से ही होशियार था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान उसका संपर्क कुछ ऐसे लोगों से हो गया, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे।  

बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को दोषी करार दिया है। उसकी सजा पर फैसला 15 मार्च को आएगा। आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने 2018 में गिरफ्तार किया था। 2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के आरोपी आरिज को 2018 में नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया गया था। आतंकी आरिज खान को बाटला हाउस एनकाउंटर में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या के लिए दोषी पाया गया है। आतंकी आरिज खान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद का रहने वाला है। आरिज के दोषी करार होते ही उसके आवास पर सन्नाटा पसरा है। 

बाटला हाउस एनकाउंटर समेत लखनऊ व अन्य कई बड़े शहरों में हुए बम धमकों में आरोपी आरिज उर्फ जुनैद पर सोमवार को न्यायालय का फैसला आ गया। फैसले में दोषी ठहराए जाने के बाद उसके गांव व शहर में स्थित घर पर सन्नाटा पसर गया। परिवार के लोग कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं। आरिज मूल रूप से आजमगढ़ जनपद के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव का निवासी है। शहर के कोट-बाजबहादुर मोहल्ले में भी उसका घर है, जहां उसके चाचा परिवार के साथ रहते हैं। 2008 में दिल्ली में हुए बटला एनकाउंटर में इसका नाम सामने आया था। 

आतंकी आरिज का परिवार है शिक्षित

आतंकी आरिज का परिवार शिक्षित है। पिता जफरे आलम की 2009 में मौत हो चुकी है तो एक चाचा बदरे आलम आईएएस रह चुके हैं। दूसरे चाचा डॉ. फकरे आलम परिवार के साथ कोट/बाजबहादुर मोहल्ले में स्थित आवास पर रहते हैं और गांव नसीरपुर में डिस्पेंसरी चलाते हैं। चाचा की इसी डिस्पेंसरी पर आरिज का भाई साबिज भी रहता है।
एक अन्य भाई शारिक दिल्ली में प्राइेवट नौकरी करता है। 2018 में आरिज की नेपाल बार्डर से गिरफ्तारी के बाद से ही परिजनों ने उसके मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। शहर से लेकर नसीरपुर गांव स्थित घर पर पूरी तरह से खामोशी छा गई है। सुबह से ही परिवार के लोग कोर्ट के फैसले पर नजर रखे थे। गिरफ्तारी के पूर्व उस पर 15 लाख का इनाम भी घोषित था। आरिज की मां भी शहर के बाजबहादुर मोहल्ला स्थित आवास पर रहती हैं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान गलत लोगों के संपर्क में आया

बाटला हाउस कांड के बाद चर्चा में आया आरिज उर्फ जुनैद शुरू से ही होशियार था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान उसका संपर्क कुछ ऐसे लोगों से हो गया, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे।