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Gorakhpur news: महिला दिवस पर आइये जानते हैं ऐसी महिलाओं के बारे में, जो दूसरों के लिए हैं मिसाल

हाइलाइट्स:गोरखुपर की ऐसी महिलाएं, जो दूसरों को दे रही हैं रोजगारआज इनका खुद का है व्यवसायदूसरी महिलाओं को भी बना रही हैं सशक्तप्रकाशिनी मणि त्रिपाठी, गोरखपुरनारी शक्ति है, सशक्त है, सम्मान है, नारी गौरव है, अभिमान है, नारी ने ही ये रचा विधान है। यह कथन आज की नारी पर बिल्कुल सटीक है। आज के दौर की महिला घर में रखी केवल गुड़िया ही नहीं, जिसे परिवार के मुखिया अपने अनुसार चलाए। आज की नारी आत्मनिर्भर है, संबल है और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बना रही है। गोरखपुर जिले की ऐसी तीन प्रमुख महिला शख्सियत की बात कर रहे हैं, जो अपने साथ साथ दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देने का काम कर रही हैं। अब महिलाओं के लिए कुटीर उद्योग लगाने की बारीहेमलता ओझा जिले की ऐसी नाम हैं, जो खुद छोटे से गांव से निकलकर अपना हैंड क्राफ्ट का व्यवसाय खड़ा किया और वर्तमान में जिले की 60 से 70 गरीब परिवार की महिलाओं को रोजगार देकर उनका जीवन संवार रही हैं। हेमलता ओझा महिला उत्पीड़न और कुरीतियों को लेकर हमेशा महिलाओं को जागरूक करती रहती हैं। यही नहीं इन्होंने महिला को लेकर कशमकश जैसी कई किताबें भी लिख चुकी हैं। हेमलता ओझा ने बताया कि उनके झूमर बनाने के व्यवसाय में ज्यादातर वैसी ही महिलाएं हैं, जो अपने परिवार में प्रताड़ित की जाती हैं। ऐसी महिलाओं को रोजगार देकर संबल बनाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। हेमलता ने NBT से बातचीत में बताया कि जल्द सीएम से मिलकर महिलाओं के लिए कुटीर उद्योग स्थापित करने जा रही हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ कर अपने को आत्मनिर्भर बना सकेंग। बता दें हेमलता को उनके इस कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिल चुके हैं।66 साल की उम्र में महिलाओं को सिखा रही हैं मार्शल आर्टगोरखपुर के राजेंद्र नगर की रहने वाली जागृति वर्मा आज की महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं। वह महिलाओं और बच्चियों को सेल्फ डिफेंस के हुनर सिखा रही हैं। बता दें कि जागृति ब्राउन बेल्ट प्राप्त कर चुकी हैं और महिला और छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रही हैं। जागृति बताती हैं कि आज के दौर में महिलाओं को सशक्त होना बहुत जरूरी है, उनके पास मार्शल आर्ट के लिए 3 साल की उम्र से 66 वर्ष तक की महिलाएं मार्शल आर्ट सिखने आ रही हैं। यही नही उन्होंने 6 ट्रेनिंग सेंटर भी खोल रखी है जहां सैकड़ों महिलाए और बच्चियां मार्शल आर्ट सिखने आ रही हैं।गरीब वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, डांस, म्यूजिक भी सिखा रहीं अर्पिता चित्राअर्पिता चित्रा न केवल नारी उत्थान के लिए काम कर रही हैं, बल्कि गरीब वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, डांस, म्यूजिक भी सिखा रही हैं। उन्होंने गरीब परिवार के बच्चों के लिए एक इंस्टिट्यूट भी खोल रखा है। जिसमें बच्चे पढ़ाई के साथ साथ डांस और म्यूजिक भी सीख रहे हैं। यही नहीं महिलाओं के लिए रोजगार भी उपलब्ध करा रही हैं। अभी तक दर्जनों गरीब तबके की महिलाओं को उनके रोजगार में सहयोग कर आत्मनिर्भर बना चुकी हैं।