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Greater Noida: यीडा में पतंजलि 1 साल में बनाएगी मेगा फूड पार्क, अप्रैल से काम होगा शुरू

ग्रेटर नोएडा योग गुरु स्वामी रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद को अखिलेश सरकार ने अपने अंतिम समय के दौरान यमुना अथॉरिटी में 430 एकड़ भूमि मेगा फूड पार्क और फूड प्रोसेसिंग सेंटर को विकसित करने के लिए आंवटित की थी। इस जमीन की चारदीवारी का निर्माण करने के बाद बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया था। यीडा ने औद्योगिक भूमि आवंटियों से जब निर्माण के बारे में जानकारी तलब करनी प्रारंभ की तो पतंजलि ने न सिर्फ यीडा को जमीन के बदले 67 करोड़ रुपये की किश्त सोमवार को भेजी, बल्कि मेगा फूड पार्क विकसित करने की डीपीआर भी भेज दी। पतंजलि के स्वामी बालकृष्ण ने यीडा सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह को फोन पर बताया कि अप्रैल से मेगा फूड पार्क के साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। एक साल के अंदर मेगा फूड पार्क और प्रोसेसिंग यूनिट बनकर तैयार हो जाएगी। पतंजलि आयुर्वेद का यूपी में यह पहला मेगा प्रॉजेक्ट है।यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि पतंजलि आयुर्वेद को सेक्टर 24 व 24 ए में 300 व 130 एकड़ भूमि आवंटित हुई है। चालीस मीटर सड़क के दोनों तरफ आवंटित इस जमीन पर पतंजलि आयुर्वेद ने मेगा फूड पार्क व प्रोसेसिंग यूनिट विकसित करने की डीपीआर दी है। यह डीपीआर अथॉरिटी की तरफ से मंजूर हो चुकी है। पतंजलि आयुर्वेद के स्वामी बालकृष्ण ने बताया कि अप्रैल से मेगा फूड पार्क के साथ प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। तीन सौ एकड़ में मेगा फूड पार्क बनाने की मंजूरी पतंजिल को दी गई है। इसमें पतंजिल के अलावा हर्बल और आयुर्वेद से जुड़ी देश-विदेश की अन्य कंपनियां भी अपना उद्योग स्थापित कर सकती है। प्रदेश सरकार ने जमीन आवंटन के साथ अन्य रियायतें भी दी हैं, जो यथावत हैं। मेगा फूड पार्क में 1400 करोड़ के निवेश का आकलन पतंजलि की तरफ से प्रस्तुत किया गया है। पतंजलि आयुर्वेद को ही आवंटित 130 एकड़ में पतंजलि की फूड प्रोसेसिंग यूनिट के साथ कोल्डचेन पार्क सहित तमाम ऐसी व्यवस्थाएं हैं।70 हजार को सीधे रोजगार, तीन लाख किसानों को फायदापतंजलि आयुर्वेद की तरफ से मेगा फूड पार्क में 937 करोड़ का निवेश होगा। पतंजलि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 498 करोड़ का निवेश होगा। पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से दिए गए डीपीआर में 70000 लोगों को सीधे रोजगार के साथ यूपी, हरियाणा व उत्तराखंड के तीन लाख किसानों को इसका अपरोक्ष रूप से लाभ होगा।