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गोला एसबीआई में भ्रष्टाचार की जांच करेगी सीबीआई की टीम

मुख्यमंत्री कार्यालय के फेसबुक पर साझा की गई जानकारी
लखीमपुर खीरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोला गोकर्णनाथ की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में फील्ड अधिकारियों द्वारा किए भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई से जांच कराने का फैसला लिया है।मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश के फेसबुक पर साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि भारतीय स्टेट बैंक, शाखा गोला गोकर्णनाथ, खीरी में कतिपय फील्ड अधिकारियों द्वारा कई खातों में कपटपूर्ण विधि से लिमिट बढ़ाकर की गई अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। यह भी लिखा गया कि आर्थिक भ्रष्टाचार के उक्त प्रकरण में सात करोड़ 54 लाख से अधिक की अनियमितता का अनुमान है, जिसमें गोला थाना में अभियोग भी पंजीकृत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने मामले की पुष्टि की।
क्या है मामला
भारतीय स्टेट बैंक गोला शाखा में ऑडिट के दौरान करोड़ों के गबन का मामला उजागर हुआ था। मामले में आरोपी फील्ड ऑफिसर संजीव यादव को गिरफ्तार कर पुलिस ने 31 जनवरी को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया था। एसबीआई के प्रभारी शाखा प्रबंधक गोपाल दत्त सिंह ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि फील्ड ऑफिसर संजीव यादव ने आनंद कुमार वर्मा सहित कई खातेदारों की कैश क्रेडिट लिमिट बिना उच्चाधिकारियों की स्वीकृति के बढ़ा दी और उसमें से दो करोड़ से अधिक की राशि का गबन कर लिया था। आरोपी संजीव यादव 24 जनवरी 2017 से यहां तैनात था। इस दौरान वह डेढ़ साल तक गबन करता रहा, लेकिन बैंक के किसी अधिकारी और खाताधारकों को भनक तक नहीं लगी। ऑडिट में मामला पकड़े जाने के बाद प्रभारी शाखा प्रबंधक ने गबन की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में तत्कालीन प्रबंधक उमेश पांडे के भी निलंबित किया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के फेसबुक पर साझा की गई जानकारी

लखीमपुर खीरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोला गोकर्णनाथ की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में फील्ड अधिकारियों द्वारा किए भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई से जांच कराने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश के फेसबुक पर साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि भारतीय स्टेट बैंक, शाखा गोला गोकर्णनाथ, खीरी में कतिपय फील्ड अधिकारियों द्वारा कई खातों में कपटपूर्ण विधि से लिमिट बढ़ाकर की गई अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। यह भी लिखा गया कि आर्थिक भ्रष्टाचार के उक्त प्रकरण में सात करोड़ 54 लाख से अधिक की अनियमितता का अनुमान है, जिसमें गोला थाना में अभियोग भी पंजीकृत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने मामले की पुष्टि की।

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