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नायब तहसीलदार निलंबित, एस.डी.एम. सहित चार अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व सचिव और संभागीय कमिश्नर ने एस.डी.एम. और तहसील कार्यालय का किया आकस्मिक निरीक्षण
जाति, निवास सहित नामांकन, डायवर्सन, बंटवारा और सीमांकन के प्रकरण लंबित मिलने पर हुई कार्रवाई
मुख्ममंत्री श्री भूपेश बघेल ने आम जन से जुड़े मामलों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश सभी विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कल राजस्व विभाग के सचिव श्री एन.के.खाखा और रायपुर संभाग के कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र और अपर आयुक्त श्री एल.एस.केन ने रायपुर के एस.डी.एम. और तहसील कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण में आय, जाति, निवास सहित डायवर्सन, नामांकन, बटवारा के प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही पायी गई।
रायपुर संभाग के कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने राजस्व प्रकरणों में लगातार लापरवाही और अनियमितता पाये जाने पर अत्यंत गंभीरता से लिया है। उन्होंने तहसील कार्यालय रायपुर में पदस्थ नायब तहसीलदार श्रीमती सरिता मंडरिया को निलंबित कर दिया है। इसी प्रकार राजस्व प्रकरण लंबित पाये जाने पर एस.डी.एम. रायपुर श्री संदीप अग्रवाल, श्री अमित बैग, तहसीलदार श्री हरिओम द्विवेदी, अतिरिक्त तहसीलदार श्री कृष्णकुमार साहू को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
निरीक्षण के दौरान नायब तहसीलदार श्रीमती सरिता मंढरिया के न्यायालय में राजस्व प्रकरण के निराकरण में गंभीर अनियमियतता एवं कार्य में लापरवाही पायी गई इसके फलस्वरूप उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उनके न्यायालय के निरीक्षण में निराकरण हेतु 909 प्रकरण शेष पाये गए और आदेश हेतु 909 प्रकरण आदेश हेतु लंबित पाये गए। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला कार्यालय रायपुर नियत किया गया है।
आकस्मिक निरीक्षण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायपुर श्री संदीप अग्रवाल के न्यायालय में डायवर्सन के 81 प्रकरणों का अंतिम रूप से निराकरण करने स्थिति में तैयार रहने के बावजूद निराकरण नहीं करना पाया गया। इनमें 40 प्रकरण कलेक्टर न्यायालय को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित करना था और 41 प्रकरणों में उन्हें निराकरण स्वरूप आदेश पारित करना था। इसी प्रकार राजस्व से संबंधित मूल प्रकरणों के 1806 और अपील के 227 प्रकरण भी लंबित पाये गए। इनमें अपील के 12 प्रकरण आदेश हेतु नियत होकर लंबित है।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि एस.डी.एम. कार्यालय में डायवर्सन के कुल 3779 प्रकरणों में 2035 प्रकरण निराकृत एवं 1734 प्रकरण निराकरण हेतु शेष पाये गए। डायवर्सन शुल्क एवं अन्य मदों में 14 करोड़ 84 लाख रूपए, अधोसंरचना विकास मंद में एक करोड़ 15 लाख रूपए, पर्यावरण उपकर मद में एक करोड़ 14 लाख रूपए वसूली हेतु राशि लंबित पायी गई। इसी प्रकार लंबित विभिन्न प्रमाण पत्रों में आय के 44, अन्य पिछड़ा वर्ग के 19, अनुसूचित जाति के एक, मूलनिवासी के 100, भूमि व्यपवर्तन एवं सीमांकन के 53, भूमि उपयोग की जानकारी के 61, भूमि दस्तावेज के 145, परिवर्तित नामांतरण के 74 प्रकरण पाये गए।
तहसीलदार श्री अमित बैग के न्यायालय में 27 मई की स्थिति में 1959 प्रकरण निराकरण हेतु शेष मिले। इसी प्रकार आदेश हेतु 38 प्रकरण लंबित पाया गया। इसी प्रकार समय सीमा के बाद सीमांकन के 127, नामांतरण के 795, और बंटवारा के 19 इस प्रकार कुल 941 प्रकरण लंबित मिले। तहसील कार्यालय में लोकसभा गांरटी सेवा अधिनियिम के तहत कुल 390 आवदेन, नक्शा खसरा के 18, डायवर्सन के 843 लंबित पाये गए है। निरीक्षण के दौरान भुईया कार्यक्रम की जानकारी ली गई और समय-सीमा के भीतर आवेदनों का निराकरण करने के निर्देश दिए गए।
अतिरिक्त तहसीलदार श्री हरिओम द्विवेदी के न्यायालय में निराकरण हेतु शेष 1459 राजस्व के प्रकरण और 23 प्रकरण आदेश हेतु लंबित पाये गए। उनके न्यायालय में 25 राजस्व प्रकरण अपंजीकृत पाये गए।
नायब तहसीलदार श्री कृष्ण कुमार साहू के न्यायालय में निराकरण हेतु शेष 1583 और  25 प्रकरण आदेश हेतु लंबित पाये गए। कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने इसे शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही मानते हुए संबंधितों को कारण बताओं नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। जवाब नहीं मिलने की स्थिति में संबंधितों के विरूद्ध एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।