Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

लॉकडाउन का 1 साल : 550 किमी पैदल सफर…बीच रास्ते ‘लक्ष्मी’ को दिया जन्म, महिला की आपबीती देगी हिम्मत

हाइलाइट्स:500 किमी का सफर तय करने के बाद बच्ची को दिया जन्मपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की 1.11 लाख रुपये की मददइंदौर के ईंट भठ्ठे पर दोबार काम करने के लिए पहुंची हैंकुंदन पाल, ललितपुरकोरोना के खौफ के बीच में साल 2020 में देश के प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद जनता कफ्र्यू से देश में लाॅकडाउन की शुरुआत हुई थी। लाॅकडाउन के कारण उद्योग धन्धे बंद हो गये थे और मजदूर परदेसों से अपने घरों के लिए वापिस पैदल चल पड़े थे। ऐसे ही पैदल घर के लिए 550 किमी चली गर्भवती महिला ने बीच रास्ते में ही एक पुत्री को जन्म दे दिया था। बीच रास्ते पुत्री को जन्म देने वाली महिला के साहस व हिम्मत को सभी लोग आज सेल्यूट करते हैं। महिला अपने परिवार के साथ दोबारा मजदूरी करने के लिए अपने घर से 550 किमी दूर पहुंच गयी।ललितपुर के ग्राम बरखिरिया निवासी राजाबेटी ने लाॅक डाउन के दौरान घर लौटते समय 550 किलोमीटर पैदल चलने के दौरान बीच रास्ते में एक पुत्री को जन्म दे दिया था। इस सम्बंध में मध्य प्रदेश धार के प्रीतमपुर में ईंट भट्टे पर काम कर रही राजाबेटी सहरिया ने फोन पर बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना के चलते लाॅकडाउन लग गया था, उस समय वह धार मध्य प्रदेश के प्रीतमपुर में पति पुनु व अपनी तीन बच्चों तथा गांव के अन्य मजदूरों के साथ ईंट भट्टे पर काम कर रही थी। काम धाम बंद होने के बाद वह अपने घर ललितपुर वापिस आने के लिए सभी के साथ पैदल ही चल पड़ी।500 किमी का सफर तय करने के बाद फिर…राजाबेटी ने बताया कि जब वह ललितपुर के लिए पैदल चली थी तो उस समय नौ माह से वह गर्भवती थी। ऐसे में उसने सोचा कि वह कैसे 550 किमी पैदल चलकर घर पहुंच पायेगी। जब वह 500 किमी पैदल चलकर ललितपुर के बालाबेहट ग्राम में पहुंची थी और दोपहर में पेड़ के नीचे खाना बना रही थी, उसी समय उसे प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उसके साथ चल रहीं अन्य महिलाओं ने साड़ी का घेरा बना लिया था, जिसके बाद उसने एक पुत्री को जन्म दिया था। इसके बाद ग्राम प्रधान की मदद से उसे एम्बुलेन्स से अस्पताल पहुंचाया गया था।ऐसे हुआ नामकरण…अखिलेश यादव ने भी की मददअस्पताल से दो दिन बाद उसे घर पहुंचा दिया गया था। राजा बेटी बताती है कि उसकी पुत्री का नाम पंडितों ने लक्ष्मी रखने के लिए बोला था तो उसने उसका नाम लक्ष्मी रख लिया। राजाबेटी यह भी बताती हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 1.11 लाख रुपये की राशि उसकी बेटी लक्ष्मी के लिए भेजी थी।….और फिर से काम पर लौटींराजाबेटी लाॅक डाउन के दौरान आपबीती सुनाकर बताती है कि उसने आशा तोड़ दी थी कि अब मुश्किल है कि वह अब घर तक जिन्दा पहुंच सके, क्योंकि एक तो उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी और हिम्मत बांधकर वह पति के साथ पैदल चल पड़ी थी। आज राजाबेटी बताती है कि लाॅकडाउन के दौरान घर पर ही रही और पिछले माह ही वह अपने चारों बच्चों व पति के साथ दोबारा इन्दौर ईंट भट्टे पर काम करने के लिए पहुंची है।