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वेस्ट UP में लिखी जाएगी 2022 के चुनावों की पटकथा? कान्हा के दर पर झुकने लगे सियासी दिग्गजों के सिर

हाइलाइट्स:2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैकिसान आंदोलन के बीच कान्हा की नगरी में दस्तक दे रहे राजनैतिक दल प्रियंका गांधी ने 23 फरवरी, 18 मार्च को अखिलेश यादव ने किए थे दर्शनकपिल शर्मा, मथुराप्रदेश में अपने 4 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाकर योगी सरकार जहां जश्न मना रही है, वहीं 2022 में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्षी दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। किसान आंदोलन की धार पर चलकर विभिन्न राजनैतिक दल वोटरों की नब्ज टटोलने के साथ ही अपने लिए माहौल तैयार करने में जुट गए हैं और तीन लोक से न्यारी कान्हा की नगरी में मंदिर-मंदिर जाकर उनकी चौखट पर नतमस्तक भी हो रहे हैं। हालांकि 2022 चुनाव में कान्हा किसकी नैया के खिवैया बनेंगे, ये अभी भविष्य के गर्भ में है।किसान आंदोलन ने पश्चिमी यूपी को बनाया सियासत का केंद्रकिसान आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने ऐसी हलचल पैदा की कि अपनी ही जमीन पर सियासी अस्तित्व खो चुकी आरएलडी अचानक एक्शन में आ गई। पश्चिमी यूपी में एकाएक किसान महापंचायतों का दौर शुरू हो गया। आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मथुरा के पूर्व सांसद जयंत चौधरी को फिर से कान्हा की नगरी की याद आई तो उन्होंने यहां हर विधानसभा क्षेत्र में किसान पंचायत कर पार्टी के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया।Chunav news: यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा… तक होगी 5 राज्यों के चुनावी नतीजों की गूंज, जानिए पूरा समीकरणकांग्रेस को भी बांके बिहारी का सहारा, आशीर्वाद लेने पहुंची थीं प्रियंका गांधीकांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी 23 फरवरी को पलीखेड़ा में किसान पंचायत कर केंद्र और प्रदेश की सत्ता में काबिज मोदी-योगी सरकार के खिलाफ सियासी तरकश से बयानों के तीर छोड़े। इस सबके बीच उन्हें कहीं ना कहीं ये एहसास भी हुआ कि कान्हा की धरती पर सिर झुकाए 2022 के चुनावी भवसागर से निकलना आसान ना होगा। लिहाजा प्रियंका गांधी वाड्रा ने वृंदावन पहुंचकर ना केवल बांके बिहारी के दर्शन किए बल्कि दीप जलाकर देहरी पूजन कर विधिवत पूजा-अर्चना भी की।18 मार्च को बांके बिहारी के दर्शन करने पहुंचे थे अखिलेशवहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी दो दिवसीय दौरे पर 18 मार्च को आए तो वे भी लीलाधारी की शरण में पहुंचकर नतमस्तक नजर आए। अखिलेश यादव ने जहां बांके बिहारी के दर्शन किए वहीं गोवर्धन पहुंचकर गिरिराज जी की भी विशेष पूजा अर्चना की। ऐसे में अखिलेश ने बरसाना पहुंचकर राधारानी के दरबार में हाजिरी भी लगाई लेकिन उनकी सुरक्षा के प्रोटोकॉल को देखते हुए जब अन्य श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर ही रोक दिया गया तो श्रद्धालुओं ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। इसके बावजूद इससे बिना विचलित हुए अखिलेश ने एक मंझे हुए राजनेता की तरह मुस्कुराकर हाथ हिलाते हुए उन लोगों का अभिवादन भी किया। कान्हा के दर पर शीश झुकाने के बाद 19 मार्च को बाजना में किसान पंचायत को आरएलडी के जयंत चौधरी के साथ संबोधित किया।14 फरवरी को सीएम योगी भी गए थे वृंदावनबता दें कि इससे पूर्व प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ 14 फरवरी को वृंदावन आए,जहां कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक का शुभारंभ करने से पहले उन्होंने बांके बिहारी के दर्शन किए थे हालांकि सीएम योगी जब भी ब्रज में आते हैं तो बांके बिहारी के दर्शन जरूर करते हैं।