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जौनपुर में 102 वर्ष की महदेई ने लगवाया कोरोना का टीका

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में मुफ्तीगंज विकास खंड के सर्की गांव निवासी 102 वर्षीय महदेई ने भी कोरोना का टीका लगवा लिया है। टीका लगने के एक सप्ताह बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। 19 मार्च को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमहित में एएनएम बंशराजी देवी ने उन्हें टीका लगाया था।महदेई चार बेटों की मां हैं। उनके पति नौजारी की मौत हो चुकी है। बड़े पुत्र शंकर यादव (70) बाहर रहते हैं। जबकि मुनीब, राजेश और सुरेश घर पर खेती करते हैं। राजेश ने बताया कि गांव की आशा बहू आई थीं। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं और पुरुषों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। मां की अवस्था अधिक है। वह इतनी दूर तक पैदल नहीं जा सकती थीं। उन्होंने 19 मार्च को मां महदेई को सगड़ी पर बैठाया और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमहित ले गए।केंद्र पर आधार कार्ड देखने के बाद एएनएम ने उन्हें कोरोना का टीका लगाया। मां को करीब आधा घंटा तक वहां अस्पताल में रोक कर रखा गया था। राजेश ने बताया कि मां को कोई परेशानी नहीं हुई तो घर जाने के लिए कहा गया। अस्पताल से मां को सगड़ी पर ही बैठाकर घर ले आया। टीका लगने के बाद एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया लेकिन उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में मुफ्तीगंज विकास खंड के सर्की गांव निवासी 102 वर्षीय महदेई ने भी कोरोना का टीका लगवा लिया है। टीका लगने के एक सप्ताह बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। 19 मार्च को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमहित में एएनएम बंशराजी देवी ने उन्हें टीका लगाया था।

महदेई चार बेटों की मां हैं। उनके पति नौजारी की मौत हो चुकी है। बड़े पुत्र शंकर यादव (70) बाहर रहते हैं। जबकि मुनीब, राजेश और सुरेश घर पर खेती करते हैं। राजेश ने बताया कि गांव की आशा बहू आई थीं। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं और पुरुषों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। मां की अवस्था अधिक है। वह इतनी दूर तक पैदल नहीं जा सकती थीं। उन्होंने 19 मार्च को मां महदेई को सगड़ी पर बैठाया और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमहित ले गए।

केंद्र पर आधार कार्ड देखने के बाद एएनएम ने उन्हें कोरोना का टीका लगाया। मां को करीब आधा घंटा तक वहां अस्पताल में रोक कर रखा गया था। राजेश ने बताया कि मां को कोई परेशानी नहीं हुई तो घर जाने के लिए कहा गया। अस्पताल से मां को सगड़ी पर ही बैठाकर घर ले आया। टीका लगने के बाद एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया लेकिन उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

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