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Bhadohi News: फ्रांस में लॉकडाउन ने भदोही के कालीन व्यापारियों की बढ़ाई चिंता, माल हुआ होल्ड

भदोहीवैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के तेजी से हो रहे प्रसार के कारण यूरोपीय देशों में लगातार लगाए जा रहे लॉकडाउन का असर भारतीय कालीन उद्योग पर पड़ रहा है। फ्रांस में लॉकडाउन की घोषणा के बाद कालीन निर्यातकों के पास फ्रांसीसी आयातकों ने फोन कर माल भेजने पर रोक लगा दी है। ऐसे में करोड़ों की कीमत की कालीन डंप होने की संभावना बढ़ गई है। उद्यमियों ने फ्रांस में लगे लाकडाउन के कारण करीब सौ करोड़ की कालीन डंप होने की संभावना जताई है। गौरतलब हो कि अमेरिका और यूरोपीय देश भारतीय कालीन के लिए सबसे बड़ा बाजार है। कोरोना के कारण पिछले एक वर्षों से यूरोपीय देशों की हालात ठीक नहीं है। लगातार अलग-अलग यूरोपीय देश कोरोना के कारण लॉकडाउन झेल रहे हैं। अब फ्रांस में भी चार सप्ताह के लाकडाउन के कारण भारतीय कालीन उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है। फ्रांस के आयातकों ने होल्ड किया मालभदोही के कालीन निर्यातकों के पास फ्रांस से माल न भेजकर उसे होल्ड रखने के लिए फोन आने लगे हैं। इसे लेकर कालीन निर्यातक ब्रजेश गुप्ता ने बताया कि फ्रांस भेजने के लिए उनके पास 50 लाख की कालीन बनकर तैयार है। लेकिन वहां के व्यापारियों ने माल भेजने से मना कर दिया है। बता रहे हैं कि लॉकडाउन में स्टोर बंद होने के कारण कालीन मंगाने से कोई फायदा नहीं, जब तक माल यहां डंप रहेगा, उनका पैसा फंसा रहेगा। हालत यही रहे तो इससे उद्योग को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, एक और निर्यातक राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि उनके भी फ्रांस के आयातक ने माल न भेजने को कहा है। France Lockdown: कोरोना का कहर जारी, फ्रांस ने 4 हफ्ते के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन लगायालगातार एक वर्षों से कोरोना के कारण यूरोपीय देशों में मचे उथल-पुथल को लेकर युवा कालीन निर्यातक अमित मौर्या का कहना है कि कोविड के दौरान बीते वर्षों में तमाम कालीन उद्यमियों के सामने ऑर्डर की बड़ी कमी रही है। कुछ बड़ी कम्पनियां हैं, जिन्होंने संघर्ष किया और उन्हें बहुत असर नही पड़ा है। लेकिन ज्यादातर निर्यातक परेशानी में रहे। यूरोपीय देशों से मिलने वाले ऑर्डर में भारी कमी रही और खुद उनके एक्सपोर्ट में गिरावट आई है। ज्यादा लंबा चला लॉकडाउन तो होगा बड़ा नुकसानकालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि देश से विदेशी बाजारों में 12 हजार करोड़ प्रति वर्ष कालीन निर्यात की जा रही है। कोरोना के कारण यूरोपीय देशों की हालत अच्छी नहीं है। फ्रांस में लगे लॉकडाउन के कारण सौ से दो सौ करोड़ रुपये तक का काम प्रभावित हो सकता है। लेकिन स्थितियां सही होते ही वहां से मांग आने लगेगा। कोरोना के कारण अनिश्चितता के माहौल में उद्योग को चिंता है कि अगर लॉकडाउन लंबा चला तो इसका खामियाजा जरूर उद्योग को उठाना पड़ सकता है। कोविड के बीते एक वर्ष में 10-15 फीसदी काम प्रभावित हुआ है। गौरतलब हो कि भारत से जयपुर, कश्मीर, पानीपत, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, आगरा सहित अन्य क्षेत्रों से विदेशों में कालीन निर्यात किया जाता है।

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