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पेंटर और सिंगर बनने की थी ख्वाहिश, ये कलाकार बना फिल्मों का मशहूर इंस्पेक्टर

‘डॉन’, ‘दीवार’ और ‘कानून’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभाने वाले एक्टर इफ्तेखार (इफ्तेखार) तो आपको ही याद करेंगे। वे एक कामयाब एक्टर तो बन गए थे लेकिन फिल्मों में अलग-अलग किरदारों से खेलने का मौका उन्हें ज्यादा नहीं मिला क्योंकि उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में पुलिस वाले का ही किरदार निभाया। ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई गम था, वो बेहद खुश थे कि उन्हें फिल्मों में पुलिस वाले की भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है।इफ़्तखार एक बहुत पढ़े लिखे आदमी थे। जालंधर में पैदा हुए इफ्तेखार का बचपन कानपुर में गुजरा। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वो लखनऊ में पेंटिंग में बीए करने चले गए। उन्हें पेंटिंग के साथ-साथ गाने का भी काफी शौक था। अपने इसी शौक को पूरा करने के लिए वो कलकत्ता में प्रसिद्ध संगीतकार कमल दास गुप्ता से मिले थे। उसके साथ इफ्तेखार की उम्र 20 साल की थी। जब कमल दास गुप्ता ने उनका गाना सुना तो उन्हें बेहद पसंद आया और उनके साथ 2 गानों की एल्बम बना डाली। अब दुविधा थी कि, क्या करें और क्या नहीं, क्योंकि एल्बम रिलीज़ होने के बाद कमल दास गुप्ता ने इफ्तेखार का नाम फिल्म ‘तकरार’ के लिए दे दिया था, जिसे उन्होंने कबूल भी कर लिया था। इस फिल्म के बाद इफ्तेखार ने कई और फिल्मों में बतौर हीरो काम किया। 1942 में उनकी एक और सुपरहिट फिल्म आई जिसका नाम था ‘जवाब’।फिर आया बंटवारे का वक्त, जिसमें उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया था। इफ्तेखार काम की तलाश में मुंबई आ गई, जहां उनकी मुलाकात अशोक कुमार (अशोक कुमार) से हुई और यहीं से शुरू हुआ नया नया दौर। 1950 से 1960 के बीच इफ़्ताखर ने लगभग 70 फ़िल्मों में काम किया। शाल 1969 में अशोक कुमार ने ही इफ्तेखार की मुलाक़ात बीआर चोपड़ा (बीआर चोपड़ा) से करवाई, जिन्होंने उन्हें फ़िल्म ‘इत्तेफ़ाक’ में काम करने का मौका दिया। इस फिल्म में उन्होंने एक पुलिसवाले का किरदार निभाया था। इस फिल्म के बाद पुलिस की वर्दी ने ऐसी चिपकी कि लगभग हर फिल्म में उन्हें पुलिस का किरदार ही मिलने लगा, जिसे खेलनेकर वो काफी खुश भी हुईं। ये बॉलीवुड स्टार