prayagraj news : कोविड टीकाकरण।
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कोरोना के बढ़ते मरीजों की वजह से जिले में भी अब बेड की कमी होती जा रही है। इससे अव्यवस्था भी फैल रही है। मरीज अस्पताल तक पहुंचकर दम तोड़ रहे हैं। बेली में ऐसी घटना सामने आ चुकी है जबकि एसआरएन अस्पताल में भी शनिवार की रात व रविवार की भोर में वहां एक मरीज भर्ती होने के लिए भटकता रहा। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए रेलवे के बाद कालिंदीपुरम को भी शुरू कर दिया है। इससे बेड की संख्या बढ़ी है लेकिन, एसआरएन और बेली के फुल होने से गंभीर मरीजों के लिए परेशानी बढ़ गई है।
बेली में कोरोना मरीजों के लिए 160 बेड की व्यवस्था की गई है। जबकि एसआरएन चिकित्सालय में 350 बेड संचालित हैं। दोनों अस्पतालों की रिपोर्ट के मुताबिक यहां अब बेड खाली नहीं हैं। इसकी वजह से गंभीर मरीजों को भर्ती कराना मुश्किल हो रहा है। उधर, एसआरएन अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक बेली अस्पताल से कई गंभीर मरीज बिना बातचीत किए ही एंबुलेंस से भेज दिए जा रहे हैं। बेड खाली न होने के कारण मरीज अस्पताल में इधर-उधर भटक रहा है। दो घंटे तक बेड न मिलने और उनका उपचार न होने से मौत हो रही है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह के मुताबिक बेड खाली नहीं है और मरीज लगातार आ रहे हैं। इस वजह से संकट खड़ा हो रहा है। मरीजों को बेड मिलने में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां मरीजों के लिए 210 बेड का आईसीयू है। आईसीयू भी पूरी तरह से फुल है।
इधर, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे और कालिंदीपुरम स्थित सेंटर को चालू कर दिया है। एसीएमओ डॉ. ए चौरसिया ने बताया कि कालिंदीपुरम संचालित कर दिया गया है। वहां संक्रमितों को भर्ती किया जाने लगा है। जबकि, रेलवे अस्पताल में भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है। बताया जा रहा है कि वह भी जल्दी ही फुल हो जाएगा। तब केवल कालिदीपुरम में ही जगह मिलेगी। इसके अलावा अगर निजी कोविड अस्पतालों की बात करें तो दो सौ बेड वाले यूनाईटेड अस्पताल में भी तकरीबन सौ मरीज भर्ती हो चुके हैं। उधर, सिविल लाइंस स्थिति एक निजी अस्पताल ने भी कोविड मरीजों के लिए उपचार के लिए सीएमओ को आवेदन दिया है। सीएमओ की ओर से इसका निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण में फिट पाए जाने पर कोरोना मरीजाें को भर्ती किए जाने की अनुमति दी जाएगी।
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कोरोना के बढ़ते मरीजों की वजह से जिले में भी अब बेड की कमी होती जा रही है। इससे अव्यवस्था भी फैल रही है। मरीज अस्पताल तक पहुंचकर दम तोड़ रहे हैं। बेली में ऐसी घटना सामने आ चुकी है जबकि एसआरएन अस्पताल में भी शनिवार की रात व रविवार की भोर में वहां एक मरीज भर्ती होने के लिए भटकता रहा। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए रेलवे के बाद कालिंदीपुरम को भी शुरू कर दिया है। इससे बेड की संख्या बढ़ी है लेकिन, एसआरएन और बेली के फुल होने से गंभीर मरीजों के लिए परेशानी बढ़ गई है।
prayagraj news : कोविड का टीकारण लगवाने के लिए बैठे लोग।
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बेली में कोरोना मरीजों के लिए 160 बेड की व्यवस्था की गई है। जबकि एसआरएन चिकित्सालय में 350 बेड संचालित हैं। दोनों अस्पतालों की रिपोर्ट के मुताबिक यहां अब बेड खाली नहीं हैं। इसकी वजह से गंभीर मरीजों को भर्ती कराना मुश्किल हो रहा है। उधर, एसआरएन अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक बेली अस्पताल से कई गंभीर मरीज बिना बातचीत किए ही एंबुलेंस से भेज दिए जा रहे हैं। बेड खाली न होने के कारण मरीज अस्पताल में इधर-उधर भटक रहा है। दो घंटे तक बेड न मिलने और उनका उपचार न होने से मौत हो रही है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह के मुताबिक बेड खाली नहीं है और मरीज लगातार आ रहे हैं। इस वजह से संकट खड़ा हो रहा है। मरीजों को बेड मिलने में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां मरीजों के लिए 210 बेड का आईसीयू है। आईसीयू भी पूरी तरह से फुल है।
कोरोना टीकाकरण
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इधर, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे और कालिंदीपुरम स्थित सेंटर को चालू कर दिया है। एसीएमओ डॉ. ए चौरसिया ने बताया कि कालिंदीपुरम संचालित कर दिया गया है। वहां संक्रमितों को भर्ती किया जाने लगा है। जबकि, रेलवे अस्पताल में भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है। बताया जा रहा है कि वह भी जल्दी ही फुल हो जाएगा। तब केवल कालिदीपुरम में ही जगह मिलेगी। इसके अलावा अगर निजी कोविड अस्पतालों की बात करें तो दो सौ बेड वाले यूनाईटेड अस्पताल में भी तकरीबन सौ मरीज भर्ती हो चुके हैं। उधर, सिविल लाइंस स्थिति एक निजी अस्पताल ने भी कोविड मरीजों के लिए उपचार के लिए सीएमओ को आवेदन दिया है। सीएमओ की ओर से इसका निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण में फिट पाए जाने पर कोरोना मरीजाें को भर्ती किए जाने की अनुमति दी जाएगी।
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