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उखड़ती सांसों को नहीं मिल पा रही ऑक्सीजन, कानपुर कोटे की लखनऊ डायवर्ट होने से बढ़ा संकट

कानपुरकानपुर में कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी। संक्रमितों को बेड नहीं मिल रहे, जिन्हे बेड मिले भी हैं, उन्हे ऑक्सीजन नहीं मिल रही। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सांसें उखड़ती जा रही हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की भी सांसें फूलने लगी हैं। कानपुर में ऑक्सीजन का संकट गहराता जा रहा है। बीते रविवार को प्रयागराज से कानपुर आ रहे 28 टन ऑक्सीजन टैंकर को लखनऊ डायवर्ट कर दिया गया था। जिससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जिले में 90 फीसदी संक्रमित पेशेंट ऑक्सीजन पर हैं।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने किसी तरह से व्यवस्था कर फतेहपुर से 19 टन ऑक्सीजन का टैंकर मंगवाया। इस टैंकर से कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन दी गई। यदि सोमवार तक शहर में ऑक्सीजन नहीं भेजी गई तो संक्रमित मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डीएम ने पत्र के माध्यम से शासन को ऑक्सीजन की कमी से अवगत कराया है।16 नए कोविड अस्पतालों में 20 टन ऑक्सीजन की जरूरतसोमवार से 16 कोविड अस्पतालों की शुरुआत की जा रही है। इन अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए लगभग 20 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। शहर में कोविड और नॉन कोविड पेशेंट के लिए प्रतिदिन लगभग 71 टन ऑक्सीजन की जरूरत है। जिला प्रशासन ने पत्र के माध्यम से शासन को ऑक्सीजन की किल्लत होने की जानकारी दी है।होम आइसोलेशन मरीजों की भी उखड़ रहीं सांसेंकानपुर में बड़ी संख्या में संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। संक्रमित पेशेंट घरों में ही ऑक्सीजन पर सांसें जिंदगी काटने को मजबूर हैं, यदि ऑक्सीजन की डोर टूटी तो सांसें थमना निश्चित है। पूरे शहर में ऑक्सीजन सिलिंडरों की किल्लत है। बड़ी संख्या में लोग ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ इधर-उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं।