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कोरोना इफेक्ट : एनआरए का गठन नहीं, सितंबर में सीईटी कराना कठिन

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कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती के लिए एक ही परीक्षा का आयोजन अधर में लटक गया है। केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2021 में एसएससी, रेलवे, बैंकिंग के लिए एक ही परीक्षा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) कराने की घोषणा की गई थी। तय किया गया था कि परीक्षा नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) कराएगी, बजट में इसकी घोषणा भी की गई थी। लेकिन अभी तक एनआरए का गठन नहीं किया गया है, जिससे अब सितंबर में सीईटी कराना कठिन लग रहा है।
ढाई करोड़ अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा से मिलेगी मुक्तिएनआरए के गठन के बाद एसएससी, रेलवे, बैंकिंग की परीक्षाओं के लिए एक संयुक्त परीक्षा कराने के निर्णय से देश भर के ढाई करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा देने से छुटकारा मिल जाएगा। परीक्षार्थियों का खर्च कम होगा, क्योंकि वे एक आवेदन से कई विभागों के लिए नौकरी का दावा कर सकेंगे। सरकार की ओर से सीटीईटी की तरह सीईटी को साल में दो बार कराने की योजना है। लेकिन कोरोना आपदा में परीक्षा के लिए अब तक सरकार द्वारा कोई तैयारी नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों को एक बार फिर से पुराने पैटर्न पर परीक्षा में शामिल होना पड़ सकता है। 
एनआरए स्वायत्त संस्था की तरह काम करेगी
एसएससी, रेलवे और बैंकिंग की भर्ती के लिए गठित होने वाली एनआरए के पास गैर राजपत्रित सरकारी पदों और सरकारी बैंकों में भर्ती एक ऑनलाइन परीक्षा की जिम्मेदारी होगी। एनआरए स्वायत्त संस्था की तरह काम करेगी। एनआरए का अध्यक्ष केंद्र सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी होगा। इसके संचालन में रेलवे, वित्त मंत्रालय, एसएससी, आरआरबी एवं आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। परीक्षा में सब कुछ ऑनलाइन होगाएनआरए के गठन के बाद होने वाली सीईटी के लिए अभ्यर्थियों का पंजीकरण, रोल नंबर, प्रवेश पत्र, अंक पत्र एवं मेरिट लिस्ट सभी कुछ ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। इसमें किसी तरह के भौतिक सत्यापन की जरूरत नहीं होगी। नई एजेंसी के गठन के बाद परीक्षाओं में होने वाली धांधली रोकी जा सकेगी।तीन स्तर का होगा सीईटीएनआरए द्वारा सीईटी तीन स्तर में स्नातक, हायर सेकेंडरी एवं सेकेंडरी का कराया जाएगा। अभ्यर्थी अपनी योग्यता के हिसाब से परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। वे परीक्षा केंद्र का भी चुनाव कर सकेंगे। सीईटी में शामिल होने की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। कोई भी राज्य सीईटी के स्कोर से अपने यहां राज्य कर्मचारियों की भर्ती करना चाहता है तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सीईटी के अंक तीन वर्ष तक मान्य होंगे।

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कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती के लिए एक ही परीक्षा का आयोजन अधर में लटक गया है। केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2021 में एसएससी, रेलवे, बैंकिंग के लिए एक ही परीक्षा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) कराने की घोषणा की गई थी। तय किया गया था कि परीक्षा नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) कराएगी, बजट में इसकी घोषणा भी की गई थी। लेकिन अभी तक एनआरए का गठन नहीं किया गया है, जिससे अब सितंबर में सीईटी कराना कठिन लग रहा है।

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ढाई करोड़ अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा से मिलेगी मुक्तिएनआरए के गठन के बाद एसएससी, रेलवे, बैंकिंग की परीक्षाओं के लिए एक संयुक्त परीक्षा कराने के निर्णय से देश भर के ढाई करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा देने से छुटकारा मिल जाएगा। परीक्षार्थियों का खर्च कम होगा, क्योंकि वे एक आवेदन से कई विभागों के लिए नौकरी का दावा कर सकेंगे। सरकार की ओर से सीटीईटी की तरह सीईटी को साल में दो बार कराने की योजना है। लेकिन कोरोना आपदा में परीक्षा के लिए अब तक सरकार द्वारा कोई तैयारी नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों को एक बार फिर से पुराने पैटर्न पर परीक्षा में शामिल होना पड़ सकता है। 

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एनआरए स्वायत्त संस्था की तरह काम करेगी
एसएससी, रेलवे और बैंकिंग की भर्ती के लिए गठित होने वाली एनआरए के पास गैर राजपत्रित सरकारी पदों और सरकारी बैंकों में भर्ती एक ऑनलाइन परीक्षा की जिम्मेदारी होगी। एनआरए स्वायत्त संस्था की तरह काम करेगी। एनआरए का अध्यक्ष केंद्र सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी होगा। इसके संचालन में रेलवे, वित्त मंत्रालय, एसएससी, आरआरबी एवं आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। परीक्षा में सब कुछ ऑनलाइन होगाएनआरए के गठन के बाद होने वाली सीईटी के लिए अभ्यर्थियों का पंजीकरण, रोल नंबर, प्रवेश पत्र, अंक पत्र एवं मेरिट लिस्ट सभी कुछ ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। इसमें किसी तरह के भौतिक सत्यापन की जरूरत नहीं होगी। नई एजेंसी के गठन के बाद परीक्षाओं में होने वाली धांधली रोकी जा सकेगी।तीन स्तर का होगा सीईटीएनआरए द्वारा सीईटी तीन स्तर में स्नातक, हायर सेकेंडरी एवं सेकेंडरी का कराया जाएगा। अभ्यर्थी अपनी योग्यता के हिसाब से परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। वे परीक्षा केंद्र का भी चुनाव कर सकेंगे। सीईटी में शामिल होने की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। कोई भी राज्य सीईटी के स्कोर से अपने यहां राज्य कर्मचारियों की भर्ती करना चाहता है तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सीईटी के अंक तीन वर्ष तक मान्य होंगे।