Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

सोच रखें पॉजिटिव तो कोरोना जरूर हो जाएगा निगेटिव, कोरोना से ठीक होकर आए लोगों की जुबानी

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

मजबूत आत्मबल, इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है। बीते कुछ दिनों के दौरान प्रयागराज में जिस तरह से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी, उससे हर कोई चिंतित हो गया। खास बात यह रही कि कोरोना की दूसरी लहर से हर उम्र वर्ग के लोग प्रभावित हुए। लेकिन अब जिस तरह से लोग इस बीमारी को शिकस्त देकर आ रहे हैं. उससे अब यही लग रहा है कि प्रयागराज वासी कोरोना से जल्द ही जंग जीत लेंगे। इस बीमारी से ठीक हुए अधिकांश लोगों का यही मानना है कि खुद की सोच को पॉजिटिव रखें तो कोरोना जरूर निगेटिव हो जाएगा। पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी समेत तमाम लोगों ने सकारात्मक सोच और कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए इस बीमारी के चंगुल से मुक्ति पाई है।स्वस्थ होने के बाद प्लाज्मा डोनेट करने की बारीआरपीएफ के एसआई अमित द्विवेदी की कोरोना रिपोर्ट दस अप्रैल को पॉजिटिव आई।  इस बीच सकारात्मक सोच और चिकित्सकों के दिशा निर्देश का उन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए पूरा पालन किया। 23 को ही अमित की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। अमित ने बताया कि कोरोना किसी को भी हो सकता है। अगर संक्रमित हो गए हैं तो घबराने की कतई जरूरत नहीं। मन से यह ख्याल पूरी तरह निकाल दीजिए कि आपको कोरोना संक्रमित हैं। यही काम मैंने किया। खुद को आइसोलेट करने के साथ ही नवरात्र होने की वजह से धार्मिक गतिविधियां बढ़ा दीं। मन में यह ख्याल ही नहीं आने दिया कि मुझे कोरोना है। गर्म पानी का नियमित सेवन, दिन में तीन-चार बार भाप लेता रहा। एक चार्ट भी बना लिया। उसमें ऑक्सीमेटर में आने वाले ऑक्सीजन का लेवल और थर्मामीटर से आने वाले बुखार का चार्ट बना लिया। अब रिपोर्ट निगेटिव आई है तो सोच रहा हूं कि 15 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर दूं। ताकि किसी जरूरतमंद की मदद हो जाए।आठ वर्ष की बच्ची को सकारात्मक सोच से मिली कामयाबीसुलेमसराय स्थित एक कॉलोनी में रहने वाली आठ वर्ष की बच्ची ने सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को मात दी। उसकी मां ने बताया कि बेटी को बुखार आने पर उसकी जांच करवाई तो नौ अप्रैल को उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई। बाद में घर के अन्य सदस्यों की भी जांच हुई तो पति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। परिवार में एक साथ दो लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से पहले तो काफी डर लगा, लेकिन बेटी ने जिस तरह से हिम्मत दिखाई वह काबिलेतारीफ है। वह और उसके पापा दोनों ही घर में आइसोलेट हो गए। शुरूआत में बेटी को बुखार भी 103 डिग्री तक आया। इससे हमें काफी घबराहट भी हुई, लेकिन बेटी यही कहती रही कि मम्मी घबराओ नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी। कहा कि बेटी की सकारात्मक सोच से हमें भी हिम्मत मिली। नियमित रूप से उसने अपने पापा के साथ योग किया। भाप, गर्म पानी का सेवन, हल्दी वाला दूध  भी लिया। चार-पांच दिन में ही वह काफी ठीक हो गई।  20 को उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इस बीच उसने ऑन लाइन पढ़ाई भी की और समय पर अपना होमवर्क भी किया।बुरा अनुभव रहा, लेकिन वायरस को किया पराजित भाजपा के पदाधिकारी आनंद श्रीवास्तव बताते हैं कि इस बीमारी से निजात पाने के लिए हमें मानसिक रूप से काफी मजबूत रहना होगा। कहा कि तीन अप्रैल को ही उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वह होम आइसोलेशन पर ही थे। तमाम लोगों ने कहा कि अस्पताल में एडमिट हो जाओ, लेकिन मैंने मना कर दिया। कहा कि घर में ही रहकर ठीक होना है। हालांकि बीमारी के दौरान काफी कष्ट भी हुआ। 42 वर्ष में पहली बार इस बीमारी का बुरा अनुभव भी मैंने झेला। लेकिन मन में एक बात ठान ली थी कि इस वायरस को हराना है। बीच में ऑक्सीजन लेवल 90 तक भी आया, लेकिन सोच सकारात्मक रखी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई दवाओं का सेवन करने के साथ ही नारियल पानी, जूस आदि का सेवन किया गया। घर में बना काढ़ा दिन में दो बार और भाप लेने के साथ ही गुनगुने पानी से गरारा आदि किया। सुबह, शाम योग भी जरूरी है। 18 को रिपोर्ट निगेटिव आई। थोड़ी कमजोरी है लेकिन पहले से बहुत फायदा है।यकीन था वायरस हारेगा, क्योंकि हर रात के बाद होती है सुबह जार्जटाउन की शोभना टंडन भी पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना की वजह से काफी परेशान रहीं, लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति, संयम और डॉक्टरों की सलाह पर अमल करके उन्होंने इस वायरस को मात दे दी। शोभना ने बताया कि उनके पति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव थी। घर में दो छोटे बच्चे थे। इसलिए उनकी चिंता भी सताने लगी। बाद में बच्चों को नाना, नानी के घर भेज दिया गया। कहा कि पॉजिटिव होने के साथ उन्हें ही घर का सारा काम करना होता था, हालांकि उनके पति भी उनका सहयोग करते थे। शुरुआत में मन में तमाम नकारात्मक ख्याल आते थे। फिर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ी। धीरे-धीरे स्वास्थ्य बेहतर होने लगा। समय-समय पर गर्म पानी पीना, भाप लेना दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया। अब रिपोर्ट निगेटिव है, स्वास्थ्य भी पहले से काफी अच्छा है। शोभना ने कहा कि आत्मबल मजबूत होना चाहिए और डाक्टरों की सलाह का पालन करने से निश्चित ही कोरोना हारेगा।नकारात्मक बातों से दूर रहें, मास्क लगाएं और इम्युनिटी बढ़ाएं86 वर्ष की उम्र में कोरोना को मात देकर आए पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि इस लड़ाई को जीतने में सबसे ज्यादा जरूरी आत्मविश्वास है। कहा कि एक जनवरी की सुबह शुगर लेवल डाउन होने पर उन्हें एसआरएन अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टरों की सलाह पर उसी दिन पीजीआई लखनऊ में एडमिट कराया गया। कहा कि पीजीआई में इलाज अच्छा हुआ। इस दौरान मैंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना हार गया। उन्होंने कहा कि मन से नकारात्मक बात निकाल दें। ऐसी बातों का मनोवैज्ञानिक और शारीरिक असर होता है। सकारात्मक सोच से  रिकवरी की ताकत और इच्छाशक्ति बढ़ जाएगी। डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करिए। सबसे अच्छा है बचाव और इसके लिए मास्क पहनें और इम्युनिटी बढ़ाएं। जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। कहा कि अब वह बीते एक माह से प्रयागराज में ही हैं। घर में रहने के बावजूद वह पूरी तरह से कोविड प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं।

मजबूत आत्मबल, इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है। बीते कुछ दिनों के दौरान प्रयागराज में जिस तरह से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी, उससे हर कोई चिंतित हो गया। खास बात यह रही कि कोरोना की दूसरी लहर से हर उम्र वर्ग के लोग प्रभावित हुए। लेकिन अब जिस तरह से लोग इस बीमारी को शिकस्त देकर आ रहे हैं. उससे अब यही लग रहा है कि प्रयागराज वासी कोरोना से जल्द ही जंग जीत लेंगे। इस बीमारी से ठीक हुए अधिकांश लोगों का यही मानना है कि खुद की सोच को पॉजिटिव रखें तो कोरोना जरूर निगेटिव हो जाएगा। पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी समेत तमाम लोगों ने सकारात्मक सोच और कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए इस बीमारी के चंगुल से मुक्ति पाई है।

स्वस्थ होने के बाद प्लाज्मा डोनेट करने की बारी
आरपीएफ के एसआई अमित द्विवेदी की कोरोना रिपोर्ट दस अप्रैल को पॉजिटिव आई।  इस बीच सकारात्मक सोच और चिकित्सकों के दिशा निर्देश का उन्होंने होम आइसोलेशन में रहते हुए पूरा पालन किया। 23 को ही अमित की रिपोर्ट निगेटिव आ गई। अमित ने बताया कि कोरोना किसी को भी हो सकता है। अगर संक्रमित हो गए हैं तो घबराने की कतई जरूरत नहीं। मन से यह ख्याल पूरी तरह निकाल दीजिए कि आपको कोरोना संक्रमित हैं। यही काम मैंने किया। खुद को आइसोलेट करने के साथ ही नवरात्र होने की वजह से धार्मिक गतिविधियां बढ़ा दीं। मन में यह ख्याल ही नहीं आने दिया कि मुझे कोरोना है। गर्म पानी का नियमित सेवन, दिन में तीन-चार बार भाप लेता रहा। एक चार्ट भी बना लिया। उसमें ऑक्सीमेटर में आने वाले ऑक्सीजन का लेवल और थर्मामीटर से आने वाले बुखार का चार्ट बना लिया। अब रिपोर्ट निगेटिव आई है तो सोच रहा हूं कि 15 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर दूं। ताकि किसी जरूरतमंद की मदद हो जाए।

आठ वर्ष की बच्ची को सकारात्मक सोच से मिली कामयाबी
सुलेमसराय स्थित एक कॉलोनी में रहने वाली आठ वर्ष की बच्ची ने सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को मात दी। उसकी मां ने बताया कि बेटी को बुखार आने पर उसकी जांच करवाई तो नौ अप्रैल को उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई। बाद में घर के अन्य सदस्यों की भी जांच हुई तो पति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। परिवार में एक साथ दो लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से पहले तो काफी डर लगा, लेकिन बेटी ने जिस तरह से हिम्मत दिखाई वह काबिलेतारीफ है। वह और उसके पापा दोनों ही घर में आइसोलेट हो गए। शुरूआत में बेटी को बुखार भी 103 डिग्री तक आया। इससे हमें काफी घबराहट भी हुई, लेकिन बेटी यही कहती रही कि मम्मी घबराओ नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी। कहा कि बेटी की सकारात्मक सोच से हमें भी हिम्मत मिली। नियमित रूप से उसने अपने पापा के साथ योग किया। भाप, गर्म पानी का सेवन, हल्दी वाला दूध  भी लिया। चार-पांच दिन में ही वह काफी ठीक हो गई।  20 को उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इस बीच उसने ऑन लाइन पढ़ाई भी की और समय पर अपना होमवर्क भी किया।
बुरा अनुभव रहा, लेकिन वायरस को किया पराजित 
भाजपा के पदाधिकारी आनंद श्रीवास्तव बताते हैं कि इस बीमारी से निजात पाने के लिए हमें मानसिक रूप से काफी मजबूत रहना होगा। कहा कि तीन अप्रैल को ही उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वह होम आइसोलेशन पर ही थे। तमाम लोगों ने कहा कि अस्पताल में एडमिट हो जाओ, लेकिन मैंने मना कर दिया। कहा कि घर में ही रहकर ठीक होना है। हालांकि बीमारी के दौरान काफी कष्ट भी हुआ। 42 वर्ष में पहली बार इस बीमारी का बुरा अनुभव भी मैंने झेला। लेकिन मन में एक बात ठान ली थी कि इस वायरस को हराना है। बीच में ऑक्सीजन लेवल 90 तक भी आया, लेकिन सोच सकारात्मक रखी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई दवाओं का सेवन करने के साथ ही नारियल पानी, जूस आदि का सेवन किया गया। घर में बना काढ़ा दिन में दो बार और भाप लेने के साथ ही गुनगुने पानी से गरारा आदि किया। सुबह, शाम योग भी जरूरी है। 18 को रिपोर्ट निगेटिव आई। थोड़ी कमजोरी है लेकिन पहले से बहुत फायदा है।
यकीन था वायरस हारेगा, क्योंकि हर रात के बाद होती है सुबह 
जार्जटाउन की शोभना टंडन भी पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना की वजह से काफी परेशान रहीं, लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति, संयम और डॉक्टरों की सलाह पर अमल करके उन्होंने इस वायरस को मात दे दी। शोभना ने बताया कि उनके पति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव थी। घर में दो छोटे बच्चे थे। इसलिए उनकी चिंता भी सताने लगी। बाद में बच्चों को नाना, नानी के घर भेज दिया गया। कहा कि पॉजिटिव होने के साथ उन्हें ही घर का सारा काम करना होता था, हालांकि उनके पति भी उनका सहयोग करते थे। शुरुआत में मन में तमाम नकारात्मक ख्याल आते थे। फिर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ी। धीरे-धीरे स्वास्थ्य बेहतर होने लगा। समय-समय पर गर्म पानी पीना, भाप लेना दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया। अब रिपोर्ट निगेटिव है, स्वास्थ्य भी पहले से काफी अच्छा है। शोभना ने कहा कि आत्मबल मजबूत होना चाहिए और डाक्टरों की सलाह का पालन करने से निश्चित ही कोरोना हारेगा।

नकारात्मक बातों से दूर रहें, मास्क लगाएं और इम्युनिटी बढ़ाएं

86 वर्ष की उम्र में कोरोना को मात देकर आए पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि इस लड़ाई को जीतने में सबसे ज्यादा जरूरी आत्मविश्वास है। कहा कि एक जनवरी की सुबह शुगर लेवल डाउन होने पर उन्हें एसआरएन अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टरों की सलाह पर उसी दिन पीजीआई लखनऊ में एडमिट कराया गया। कहा कि पीजीआई में इलाज अच्छा हुआ। इस दौरान मैंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना हार गया। उन्होंने कहा कि मन से नकारात्मक बात निकाल दें। ऐसी बातों का मनोवैज्ञानिक और शारीरिक असर होता है। सकारात्मक सोच से  रिकवरी की ताकत और इच्छाशक्ति बढ़ जाएगी। डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करिए। सबसे अच्छा है बचाव और इसके लिए मास्क पहनें और इम्युनिटी बढ़ाएं। जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए। कहा कि अब वह बीते एक माह से प्रयागराज में ही हैं। घर में रहने के बावजूद वह पूरी तरह से कोविड प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं।