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फेफड़ों में फाइब्रोसिस, एसपीओटू संतुलन में होम्योपैथिक दवाएं कारगर 

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कोरोना संक्रमण काल में मौसम में बदलाव के कारण आ रहा बुखार, सर्दी-जुकाम, छाती में जकड़न है या ऑक्सीजन स्तर यानी एसपीओटू 94 से 95 प्रतिशत है तो घबराएं नहीं। इन परिस्थितियों  में होम्योपैथिक दवाएं भी कारगर हैं। होम्योपैथ विशेषज्ञ डॉ. एसएम सिंह के मुताबिक होम्योपैथिक दवा अनेडियम-30 इस समय ऑक्सीजन कैरियर साबित हो रही है। कम ऑकसीजन स्तर वाले मरीजों को तीन होम्योपैथिक दवाएं रामबाण असर कर रही हैं। होम्योपैथ चिकित्सक डॉ. एसएम सिंह ने बताया कि वायरल संक्रमण का मौसम है। तेज धूप फिर शाम को ठंडा हुआ मौसम लापरवाही बरतने वालों को बुखार या सर्दी-जुकाम से पीड़ित कर रहा है। सभी तरह के बुखार को कोरोना का प्रारंभिक लक्षण मान लेना खुद की सेहत की ठीक नहीं है। डॉ. एसएम सिंह के मुताबिक संक्रमण प्रभावित फेफड़ों को होम्योपैथिक दवाएं संजीवनी दे रही हैं। क्लीनिक पर आए ऐसे संक्रमितों में तीन दवाओं से तुरंत फायदा हुआ। उन्होंने बताया कि मरीज के लक्षण के आधार पर दी जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित हो रही हैं। कई मरीजों को दी गई कार्बोवेज 1000 की एक खुराक देने पर श्वशन तंत्र दुरुस्त हुआ। लोगों ने बताया कि वह खुद को पहले से अधिक स्वस्थ महसूर कर रहे हैं। एसपीओटू के असंतुलन को दूर करने के  बारे में  जानकारी देते हुए डॉ एसएम सिंह ने दावा किया कि विशेषज्ञ की सलाह पर होम्योपैथिक औषधि कार्बोवेड 1000 की एक खुराक, वनेडियम-30 की सुबह,दोपहर, शाम तीन खुराकें एसपीओटू की मात्रा नियंत्रित करने में सहायक साबित हो रही हैं। कोरोना संक्रमित हों या सामान्य रोगी, इन दवाओं की लक्षणों के आधार पर दी गई खुराकों का मरीजों पर तुरंत असर दिखता है। फाइब्रोसिस, उलझन, घबराहट भी होगी दूरहोम्योपैथ विशेषज्ञ डॉ. एसएम सिंह का दावा है कि फेफड़ों में फाइब्रोसिस और निमोनिया या संक्रमण को दूर करने में कार्बोवेड-1000 की एक खुराक के साथ स्पीडो स्पार्मा – क्यू की पांच-पांच बूंदे तीन बार आधे कप पानी के साथ लेने पर मरीज की उलझन और घबराहट भी कम हुई। लोगों ने खुद को पहले से अधिक स्वस्थ बताया। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं पर बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाएं न लें। परेशानी और लक्षणों के आधार पर चिकित्सक की सलाह पर होम्योपैथिक दवाएं प्रभावी साबित होती हैं।

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कोरोना संक्रमण काल में मौसम में बदलाव के कारण आ रहा बुखार, सर्दी-जुकाम, छाती में जकड़न है या ऑक्सीजन स्तर यानी एसपीओटू 94 से 95 प्रतिशत है तो घबराएं नहीं। इन परिस्थितियों  में होम्योपैथिक दवाएं भी कारगर हैं। होम्योपैथ विशेषज्ञ डॉ. एसएम सिंह के मुताबिक होम्योपैथिक दवा अनेडियम-30 इस समय ऑक्सीजन कैरियर साबित हो रही है। कम ऑकसीजन स्तर वाले मरीजों को तीन होम्योपैथिक दवाएं रामबाण असर कर रही हैं। 

होम्योपैथ चिकित्सक डॉ. एसएम सिंह ने बताया कि वायरल संक्रमण का मौसम है। तेज धूप फिर शाम को ठंडा हुआ मौसम लापरवाही बरतने वालों को बुखार या सर्दी-जुकाम से पीड़ित कर रहा है। सभी तरह के बुखार को कोरोना का प्रारंभिक लक्षण मान लेना खुद की सेहत की ठीक नहीं है। 

डॉ. एसएम सिंह के मुताबिक संक्रमण प्रभावित फेफड़ों को होम्योपैथिक दवाएं संजीवनी दे रही हैं। क्लीनिक पर आए ऐसे संक्रमितों में तीन दवाओं से तुरंत फायदा हुआ। उन्होंने बताया कि मरीज के लक्षण के आधार पर दी जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित हो रही हैं। कई मरीजों को दी गई कार्बोवेज 1000 की एक खुराक देने पर श्वशन तंत्र दुरुस्त हुआ। लोगों ने बताया कि वह खुद को पहले से अधिक स्वस्थ महसूर कर रहे हैं। 
एसपीओटू के असंतुलन को दूर करने के  बारे में  जानकारी देते हुए डॉ एसएम सिंह ने दावा किया कि विशेषज्ञ की सलाह पर होम्योपैथिक औषधि कार्बोवेड 1000 की एक खुराक, वनेडियम-30 की सुबह,दोपहर, शाम तीन खुराकें एसपीओटू की मात्रा नियंत्रित करने में सहायक साबित हो रही हैं। कोरोना संक्रमित हों या सामान्य रोगी, इन दवाओं की लक्षणों के आधार पर दी गई खुराकों का मरीजों पर तुरंत असर दिखता है। 
फाइब्रोसिस, उलझन, घबराहट भी होगी दूर
होम्योपैथ विशेषज्ञ डॉ. एसएम सिंह का दावा है कि फेफड़ों में फाइब्रोसिस और निमोनिया या संक्रमण को दूर करने में कार्बोवेड-1000 की एक खुराक के साथ स्पीडो स्पार्मा – क्यू की पांच-पांच बूंदे तीन बार आधे कप पानी के साथ लेने पर मरीज की उलझन और घबराहट भी कम हुई। लोगों ने खुद को पहले से अधिक स्वस्थ बताया। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं पर बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाएं न लें। परेशानी और लक्षणों के आधार पर चिकित्सक की सलाह पर होम्योपैथिक दवाएं प्रभावी साबित होती हैं।