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Oxygen Crisis News: ऑक्सिजन की कमी हुई, अयोध्या में नहीं मिला बेड तो 850 किमी दूर बंगाल में हुए एडमिट

हाइलाइट्स:अयोध्या में रहने वाले लालजी यादव और उनकी पत्नी रेखा तबीयत बिगड़ने पर कोई हॉस्पिटल बेड नहीं मिलाउनके परिजनों ने अलग-अलग शहरों में अस्पताल बेड की तलाश की लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली24 घंटे का सफर कर यूपी से 850 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल पहुंचकर दोनों अस्पताल में भर्ती हो सकेअयोध्या/कोलकाताअयोध्या में रहने वाले लालजी यादव और उनकी पत्नी रेखा तबीयत बिगड़ने पर कोई हॉस्पिटल बेड नहीं मिला। इसके बाद उनके परिजनों ने यूपी के अलग-अलग शहरों में हॉस्पिटल बेड की तलाश की लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली। छह अस्पताल में ऑक्सिजन की कमी बताते हुए भर्ती करने से मना कर दिया गया। उधर, उनकी सांसें उखड़ रही थीं। आखिरकार 24 घंटे का सफर कर यूपी से 850 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल पहुंचकर दोनों अस्पताल में भर्ती हो सके।रेखा के छोटे भाई रवि शंकर यादव पश्चिम बंगाल के हुबली के मोगरा इलाके में रहते हैं। उनके कहने पर 48 साल की रेखा और उनके 50 साल के पति लालजी यादव ऐंबुलेंस से पश्चिम बंगाल पहुंचे। रवि शंकर ने बताया कि 22 अप्रैल यानी गुरुवार को रेखा और लालजी ने यूपी से सफर शुरू किया और शुक्रवार रात वह हुबली पहुंचे। जहां उन्हें पास के चिनसुर में एक प्राइवेट नर्सिंग होम में एडमिट कराया गया। हॉस्पिटल पहुंचते ही बढ़ गई सांस लेने में तकलीफजब दोनों हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ थी और उनकी सांसें उखड़ रही थी। रवि शंकर ने कहा कि ‘अगर मैं उन्हें बंगाल नहीं बुलाता तो पता नहीं उनकी क्या हालत होती क्योंकि यूपी में उन्हें हॉस्पिटल तक नहीं मिल रहा था।’10 दिन से आ रहा था बुखार और कफरेखा के परिजनों के मुताबिक, रेखा और उनके पति को दस दिन से बुखार और कफ था। फिर उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी जबकि उनका कोविड टेस्ट नेगेटिव आया था। जब सांस लेने में दिक्कत बढ़ने लगी तब हर तरफ हॉस्पिटल में एडमिशन के लिए कोशिश की गई लेकिन यूपी में कहीं बेड नहीं मिले।’रेमडेसिविर नहीं मिल पा रही है’रवि शंकर ने कहा कि अब उनके छोटे भाई की तबियत भी काफी खराब हो गई है और उसे भी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। रवि शंकर ने कहा कि ‘दीदी की हालत में सुधार है लेकिन उनके जीजाजी को रेमडेसिविर की जरूरत है। मैं तीन दिन से इस दवाई के लिए इधर उधर हाथ पैर मार रहा हूं पर दवाई नहीं मिल पा रही है।’सांकेतिक तस्वीर