Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Chaudhary Ajit Singh Biography: अमेरिका में नौकरी छोड़ अजित ने संभाली थी पिता चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत, जाट नेता कहलाना था पसंद

हाइलाइट्स:कोरोना से संक्रमित आरएलडी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का गुरुग्राम के निजी अस्पताल में निधनअजित सिंह वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री और 2011 में यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैंलखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आईआईटी खड़गपुर चले गए थेशादाब रिजवी, मेरठकोरोना से संक्रमित राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का गुरुग्राम के निजी अस्पताल में निधन हो गया है। वह 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। मंगलवार रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। जानकारी के मुताबिक उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। आरएलडी के प्रवक्ता सुनील रोहट ने बताया कि गुरुवार सुबह 6 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे जयंत चौधरी ने भी ट्वीट के निधन की जानकारी दी। पार्टी की तरफ से भी सोशल मीडिया पर जानकारी दी गई। अजित सिंह वाजपेयी सरकार में 2001 से 2003 तक केंद्रीय कृषि मंत्री और 2011 में मनमोहन सिंह की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं।पढ़ें: आरएलडी मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का कोरोना से निधन, गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती थेपेशे से कम्प्युटर साइंटिस्ट, अमेरिका में 15 साल तक नौकरीअजित सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 में मेरठ के भडोला गांव में हुआ था। लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आईआईटी खड़गपुर चले गए थे। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के इलिनाइस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से मास्टर ऑफ साइंस किया। अजित ने करीब 15 साल तक अमेरिका में ही नौकरी की।वह पेशे से कम्प्यूटर साइंटिस्ट थे और 1960 के दशक में आईबीएम के साथ काम करने वाले पहले भारतीयों में एक थे। उनके निधन से पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच शोक की लहर है।1986 में पहली बार यूपी से राज्यसभा पहुंचेजब पिता चौधरी चरण सिंह की तबियत खराब रहने लगी तो अजित सिंह भारत लौट आए। यहां 1980 में चौधरी चरण सिंह ने उन्हें लोकदल की कमान सौंप दी। यहीं से अजित सिंह ने राजनीति में कदम रखा। अजित सिंह 1986 में पहली बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे। 1987 में उन्‍हें लोकदल का अध्‍यक्ष बनाया गया और 1988 में जनता पार्टी के अध्‍यक्ष घोषित किए गए। 2009 तक बागपत से जीतते रहे अजित सिंहअजित सिंह ने 1989 में पहली बार लोकसभा चुनाव बागपत सीट से जीता। 1998 में अजित सिंह इस सीट पर बीजेपी के नेता सोमपाल शास्त्री से चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) बनाई और 1999 में चुनाव जीत लिया। इसके बाद से वे लगातार 2009 तक इस सीट पर जीतते चले आए। 2014 में उन्हें बीजेपी के सत्यपाल से मात मिली थी। इसके बाद 2019 में उन्होंने मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा।