अरुण रावत, फिरोजाबादउत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में स्वास्थ्य केन्द्र बीमार हैं। यहां लाखों रुपए खर्च करके बनाई गईं स्वास्थ्य केन्द्रों की इमारतों का हाल बेहाल है। जहां अस्पतालों में मरीजों की जगह भूसा और पशु बंधे रहते हैं। ऐसे में किस तरह कोरोना से स्वास्थ्य विभाग लड़ाई लड़ सकेगा, यह तो अधिकारी ही जानें। शहरवासियों के इलाज के लिए तो तमाम अस्पताल हैं लेकिन गांव के मरीजों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। शहर की ओर भागते हैं ग्रामीणफिरोजाबाद जिले के नगला सिंघी क्षेत्र में स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र बजहेरा में एक व्यक्ति अपने परिवार को लेकर रह रहा है। जहां मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा। नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आज तक किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। उप स्वास्थ्य केन्द्र कुर्रा की इमारत में भूसा और उपले भरे हैं। रसूलाबाद में बने स्वास्थ्य केन्द्र में पशु बंधे रहते हैं। ग्रामीण भोजराज ने बताया कि अस्पताल में इलाज नहीं होता। मरीजों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के नहीं होते टीकाकरणगांव रसूलाबाद क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों का प्रत्येक माह टीकाकरण कराया जाता है लेकिन यहां इमारत होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों के चबूतरे पर बैठकर टीकाकरण करती है। अब 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन लगवाई जाएगी। बिना इमारत के वैक्सीनेशन कहां होगा किसी को पता नहीं। इसे लेकर सीएमओ डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि चिकित्सकों की कमी है। इसलिए उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनाती नहीं हो सकी है। कुछ सीएचसी से चिकित्सकों को अटैच कर दिया है। उन्होंने बताया कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था है।
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