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असम CM के रूप में हेमंता बिस्वा सरमा कीनियुक्ति, अगले बंगाल चुनाव में BJP के लिएसाबित होगी मास्टरस्ट्रोक

भारतीय राजनीति में बीजेपी को लेकर ये कहा जाता है कि पार्टी जो भी फैसला करती है, वह भविष्य के 20 सालों के साथ है गणना से होता है। असम की राजनीति में भी बीजेपी ने अपने इसी रवैए को बरकरार रखा है और हेमंता बिस्वा सरमा ने कोस्ट के सबसे महत्वपूर्ण राज्य असम का मुख्यमंत्री बना दिया है। हेमंता ने पांच साल के अपने कार्यकाल में बेहतरीन प्रदर्शन कर बीजेपी को राज्य में उत्साहित ऊंचाईयों तक पहुंचाया है, लेकिन बीजेपी के इस कदम को बंगाल की राजनीति के लिए भी एक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। इसकी वजह ये है कि असम में सुशासन के माध्यम से हेमंता पश्चिम बंगाल की जनता को भी बीजेपी के प्रति प्रभावित कर सकते हैं। असम के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल को बेन सीट पर बिठा कर अपना दायित्व निभाया हेमंता बिस्वा सरमा के कंधों पर डाल दिया गया था और नतीजों में उसका फायदा देखने को मिला है। बीजेपी ने नेतृत्व किया एनडीए गठबंधन की एक बार फिर असम में जीत हुई है। ऐसे में अब बीजेपी ने असम के सीएम पद की कुर्सी सर्वानंद को सौंप दी है की बजाए हेमंता को देने का ऐलान कर दिया है, जो कि बीजेपी के लिए भविष्य की राजनीति के लिजाज काफी थे महत्वपूर्ण है। दरअसल, गुवाहाटी में केंद्र द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षक काउंटर मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा अरुण सिंह, बीएल संतोष और बीजे पंड के नेतृत्व में एक विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसके बाद पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया गया कि अगले पांच साल असम के मुखिया बीजेपी के फायरब्रांड नेता हेमंता बिस्वा सरमा होंगे। अब जल्द ही ही वे सीएम पद की शपथ भी ले सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके नाम पर पिछले काफी दिनों से चर्चाएँ गर्म थीं। असम की राजनीति के साथ ही बीजेपी का ये फैसला बंगाल की राजनीति के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हेमंता ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद बीजेपी की सरकार बनवाई। यह मुश्किल है का ईनाम भी उन्हें मिला और कैलकुलेटर में जगह मिली। पांच वर्षों में सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर मुखरता से बीजेपी का पक्ष रखने हेमंता ने पार्टी के जनाधार में विस्तार किया है। ऐसे में सीएम बनने के बाद हेमंत बिस्वा सरमा अपने चिर परिचित अंजज में असम के हित के लिए निर्णय लेते दिखाई देंगे, जिसका असर पश्चिम बंगाल में होगा राजनीति पर भी होगा क्योंकि बंगाल की जनता की नजरों में बीजेपी की छवी सकारात्मक होगी। और पढ़ें- बंगाल में हिन्दुओं की हालत इतनी खराब है कि वे असम जाने को मजबूर हो गए हैं हेमंता ने हाल में चुनावी परिणामजे आने के बाद पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा और मार डाला गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के संबंध में कड़ा आक्रोश जाहिर किया गया था। वह बंगाल को छोड़कर असम की ओर से आ रहा है लोगों को मदद देने के साथ ही उनके रहने खाने-पीने का बंदोबस्त किया गया था। हेमंता ने ममता के खिलाफ बयाओं की झड़ी सी लगा दी थी। ऐसे में अगले 5 वर्षों में असम में शासन करते हैं हेमंत पड़ोसी राज्य और वहां की जनता का भी रखने के लिए उनके मुद्दे उठाते नजर आएंगे। हेमंता के कार्यों का असर पश्चिम बंगाल की आम जनता पर सकारात्मक ता के साथ देख सकता है जिसका फायदा है बीजेपी को पश्चिम बंगाल के 2026 विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा, जिसके कारण बीजेपी के फैसले को आगे बढ़ाया जाएगा पटेल स्ट्रोक माना जा रहा है कि