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कानपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में कोराना का कहर… एक महीने में 70 से अधिक मौतें… हर घर में हैं बुखार के मरीज

कानपुरकोरोना वायरस के संक्रमण का कहर अब ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। शहरी क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद वायरस ने ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक दे दी है। घाटमपुर के आसपास गांव संक्रमण के हब बन चुके हैं, यदि पिछले एक महीने के आकड़ों पर नजर डाली जाए तो आसपास के गांव में 70 से अधिक ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। हर एक घर में बुखार और खांसी के मरीज हैं। कई परिवार ऐसे हैं कि घर के सभी सदस्य बुखार से पीड़ित हैं। सभी मरीजों में कोरोना के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।घाटमपुर तहसील के भदरस गांव, पतारा, जहांगीराबाद और परास सहित कई गांव में दहशत का माहौल है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के जनसंपर्क और मतदान से लेकर मतगणना तक सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। ग्रामीणों का मानना है कि बड़ी संख्या में भीड़ गांव में जनसंपर्क करने के लिए आती थी। यह भीड़ ब्लॉक के 60 से 70 गांव में घूमती थी, जिसकी वजह से संक्रमण गांव तक पहुंच गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।बेकाबू हालात को बयां करते ‘मौत के आंकड़े’कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। पंचायत चुनाव के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में मौतों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। घाटमपुर के भदरस गांव में 40 मौतें, जहांगीराबाद में 20 मौतें, पतारा गांव में 10 मौतें हो चुकी हैं। एक हफ्ते पहले परास गांव में 25 से अधिक मौतों का मामला सबसे पहले प्रकाश में आया है। इन सभी गांव की स्थितियां बद से बदतर होती जा रही हैं। पूरा गांव विचित्र बुखार से पीड़ित है। इस बुखार से बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा ग्रसित हैं।ग्रामीणों की उखड़ रही थीं सांसेभदरस, परास, जहांगीराबाद और पतारा में ग्रामीण बुखार आने पर मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खा रहे थे, लेकिन कोविड टेस्ट कराने के लिए सीएचसी नहीं जा रहे थे। कुछ ग्रामीणों की सांसें उखड़ने लगी। ऑक्सिजन लेवल तेजी से नीचे गिर रहा था। परिजन शहर की तरफ पेशेंट को लेकर भागते थे, लेकिन अस्पतालों में बेड और ऑक्सिजन नहीं मिलने की वजह से मरीजों को जान गवांनी पड़ती थी।जिम्मेदार झाड़ रहे पल्लाघाटमपुर सीएचसी अधीक्षक कैलाश चंद्र के मुताबिक, भदरस गांव में हुई मौतें संक्रमण से नहीं हुई हैं। गांव में पहले भी कोविड का कैंप लगाया जा चुका है। गांव के प्रधान और एएनएम ने जानकारी नहीं दी है, फिर भी गांव का सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। इसके साथ गांव में फिर से कैंप का आयोजन किया जाएगा।वहीं पतार सीएचसी अधीक्षक नीरज सचान का कहना है कि गांव में कोरोना का कैंप लगाया था। एंटीजन टेस्ट में सभी जांच नेगेटिव आई थी। पिछले सोमवार को दोबारा कैंप लगाया था, जिसमें से 18 लोग संक्रमित मिले थे। पिछले दिनों में हुई मौतें कोरोना से नहीं हुई हैं।