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शाहजहांपुर: ऑक्सिजन की जरूरत बताकर ले गए सिंलिडर… अब तक 750 ने सरेंडर नहीं किए सिलिंडर… घरों में किए हुए हैं स्टॉक

शाहजहांपुरशाहजहांपुर जिले में एक ओर ऑक्सिजन की मारामारी है तो दूसरी ओर ऑक्सिजन सप्लाई करने वाली एजेंसी की तरफ से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। एजेंसी की माने तो लोग जमानत राशि जमा करके 750 ऑक्सिजन सिलिंडर ले गए हैं, लेकिन उनको वापस नहीं किया है। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो बिना किसी जरूरत के जमानत राशि जमा करके सिलिंडर को घरों में रखे हुए हैं, ताकि इमरजेंसी में काम आ सके। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को सिलिंडर ना होने की वजह से ऑक्सिजन सप्लाई नहीं हो पा रही है। फिलहाल, एजेंसी मालिक ने लोगों से सिलिंडर वापस करने की अपील की है। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।दरअसल, 27-28 अप्रैल में कोरोना के चरम पर पहुंचते ही लोगों ने 8 हजार की जमानत राशि जमा करके ऑक्सिजन सिलिंडर हासिल कर लिए। ऑक्सिजन सिलिंडर लेते वक्त लोगों ने घर में किसी के बीमार होने की बात कही थी। ऑक्सिजन सप्लाई करने वाली एजेंसी नारंग इंटरप्राइजेज के आंकड़ों की माने तो 250 ऐसे लोग रजिस्टर्ड हैं, जिन्होंने ऑक्सिजन की कमी का हल्ला मचा तो अपनों की जान आफत में ना आ जाए तो उन्होंने सिक्योरिटी मनी जमा करके सिलिंडर हासिल कर लिए। वहीं, 500 ऐसे लोग हैं, जो ऑक्सिजन गैस का कमर्शियल इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बैटरी वाले, कबाड़ी, गैस वेल्डर और वह लोग जिनकी फैक्ट्रियों में ऑक्सिजन गैस का इस्तेमाल होता है।घरों में बेवजह सिलिंडर का किया स्टॉकऑक्सिजन सप्लाई करने वाली एजेंसी के पास लगभग 2000 सिलिंडर मौजूद थे, जिनमें से 750 ऑक्सिजन सिलेंडर ना खाली हो कर वापस आए और ना ही उनमें रिफलिंग करवाई गई, जिसकी वजह से बेहद जरूरतमंद मरीज ऑक्सिजन हासिल नहीं कर पाए। कमर्शियल इस्तेमाल करने वाले लोगों ने ऑक्सिजन की कालाबाजारी भी की, क्योंकि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर कमर्शियल काम बंद हैं और जरूरतमंद लोगों को ऑक्सिजन सिलिंडर के लिए भटकना पड़ रहा है।ऑक्सिजन सप्लाई करने वाली नारंग इंटरप्राइजेज एजेंसी के मालिक अनिल नारंग और अभिषेक नारंग ने लोगों से अपील की है कि वह अपनी सिक्योरिटी मनी वापस ले जाएं और खाली सिलिंडर एजेंसी को वापस कर दें, ताकि जरूरतमंद लोगों को ऑक्सिजन पहुंचाई जा सके। सप्लाई एजेंसी का कहना है कि अगर जल्द ही लोगों के पास 750 ऑक्सिजन सिलिंडर वापस नहीं आते हैं तो उन्हें पुलिस और प्रशासन की कानूनी मदद लेना पड़ेगी। उनका यह भी कहना है कि अब ऑक्सिजन की कमी नहीं है, लेकिन एजेंसी के सिलिंडर लोगों के घरों में कैद हैं, जिनका एजेंसी पर पहुंचना बेहद जरूरी है।