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बरेलीः मुनाफाखोरी में मेहता सर्जिकल का शोरूम और गोदाम सील

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एसडीएम की अगुवाई में छापा, लाखों के स्टॉक के नहीं मिले बिलओवर रेटिंग के लिए सामान की दोबारा पैकिंग कर रहे थे कर्मचारी
बरेली। डीडीपुरम के जिस मेहता सर्जिकल स्टोर पर कोरोना के दौर में शुरू से ही कालाबाजारी के आरोप लग रहे थे, बुधवार को एसडीएम की अगुवाई में उस पर एफएसडीए की टीम ने छापा मारा तो लाखों कीमत का ऐसा स्टॉक मिला जिसका कोई बिल नहीं था। स्टोर के कर्मचारियों को सामान की दोबारा पैकिंग करते हुए भी रंगे हाथों पकड़ा गया जिससे साफ हो गया कि स्टोर पर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी की जा रही है। टीम ने दुकान और गोदाम दोनों को सील कर दिया। स्टोर मालिक के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।मेहता सर्जिकल स्टोर शहर का सर्जिकल आयटम बेचने वाला प्रमुख स्टोर है। पिछले महीने से ही इस स्टोर पर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी की शिकायतें जिला प्रशासन से की जा रही थीं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी कई जनप्रतिनिधियों सर्जिकल आयटम पर बड़े स्तर पर मुनाफाखोरी किए जाने की शिकायतें की थीं। इसके बाद दो दिन पहले डीएम नितीश कुमार ने जीएसटी अधिकारियों से छापा मारने की योजना बनाने को कहा लेकिन जीएसटी विभाग में ज्यादातर अधिकारी संक्रमित हैं लिहाजा वह यह कार्रवाई नहीं कर पाया। इसके बाद बुधवार दोपहर एसडीएम सदर विशु राजा की अगुवाई में एफएसडीए की टीम डीडीपुरम छापा मारने पहुंची।मेहता सर्जिकल स्टोर में चेकिंग शुरू हुई तो वहां लाखों का ऐसा स्टॉक मिला जिसके बिल उसके मालिक अजय मेहता और सुशांत मेहता उपलब्ध नहीं करा पाए। यह भी नहीं बता पाए कि ये सर्जिकल आइटम कहां से किस रेट पर खरीदे गए हैं और किस रेट पर बेचे जा रहे हैं। कारोबार का भी कोई लेखाजोखा यहां नहीं मिला। शहर में पहले छापे से सर्जिकल और दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा। औषधि निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने देर शाम अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। बताया जाता है कि मेहता सर्जिकल के कारोबार में लाखों के टैक्स की हेराफेरी का मामला सामने आया है।
सौ रुपये की पीपीई किट पर 19 सौ का लेवल लगाते मिले कर्मचारी
छानबीन के दौरान एफएसडीए टीम स्टोर की ऊपरी मंजिल पर पहुंची तो वहां कई कर्मचारी पीपीई किट और दूसरे सामान को मूल पैकिंग से निकालकर दोबारा पैक करते हुए मिले। सौ रुपये कीमत की किट पर 19 सौ रुपये का लेवल लगाया जा रहा था। एसडीएम ने स्टोर मालिक जब इसका कारण पूछा तो उसने बहानेबाजी शुरू कर दी। बताया, यह माल डिस्पोजल का है, इस पर एसडीएम ने कहा कि लेवल पर अप्रैल 21 की निर्माण तिथि पड़ी है तो यह माल डिस्पोजल का कैसे हो सकता है। इस पर वह बगलें झांकने लगा।

एसडीएम की अगुवाई में छापा, लाखों के स्टॉक के नहीं मिले बिल

ओवर रेटिंग के लिए सामान की दोबारा पैकिंग कर रहे थे कर्मचारी
बरेली। डीडीपुरम के जिस मेहता सर्जिकल स्टोर पर कोरोना के दौर में शुरू से ही कालाबाजारी के आरोप लग रहे थे, बुधवार को एसडीएम की अगुवाई में उस पर एफएसडीए की टीम ने छापा मारा तो लाखों कीमत का ऐसा स्टॉक मिला जिसका कोई बिल नहीं था। स्टोर के कर्मचारियों को सामान की दोबारा पैकिंग करते हुए भी रंगे हाथों पकड़ा गया जिससे साफ हो गया कि स्टोर पर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी की जा रही है। टीम ने दुकान और गोदाम दोनों को सील कर दिया। स्टोर मालिक के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।

मेहता सर्जिकल स्टोर शहर का सर्जिकल आयटम बेचने वाला प्रमुख स्टोर है। पिछले महीने से ही इस स्टोर पर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी की शिकायतें जिला प्रशासन से की जा रही थीं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी कई जनप्रतिनिधियों सर्जिकल आयटम पर बड़े स्तर पर मुनाफाखोरी किए जाने की शिकायतें की थीं। इसके बाद दो दिन पहले डीएम नितीश कुमार ने जीएसटी अधिकारियों से छापा मारने की योजना बनाने को कहा लेकिन जीएसटी विभाग में ज्यादातर अधिकारी संक्रमित हैं लिहाजा वह यह कार्रवाई नहीं कर पाया। इसके बाद बुधवार दोपहर एसडीएम सदर विशु राजा की अगुवाई में एफएसडीए की टीम डीडीपुरम छापा मारने पहुंची।

मेहता सर्जिकल स्टोर में चेकिंग शुरू हुई तो वहां लाखों का ऐसा स्टॉक मिला जिसके बिल उसके मालिक अजय मेहता और सुशांत मेहता उपलब्ध नहीं करा पाए। यह भी नहीं बता पाए कि ये सर्जिकल आइटम कहां से किस रेट पर खरीदे गए हैं और किस रेट पर बेचे जा रहे हैं। कारोबार का भी कोई लेखाजोखा यहां नहीं मिला। शहर में पहले छापे से सर्जिकल और दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा। औषधि निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने देर शाम अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। बताया जाता है कि मेहता सर्जिकल के कारोबार में लाखों के टैक्स की हेराफेरी का मामला सामने आया है।
सौ रुपये की पीपीई किट पर 19 सौ का लेवल लगाते मिले कर्मचारी
छानबीन के दौरान एफएसडीए टीम स्टोर की ऊपरी मंजिल पर पहुंची तो वहां कई कर्मचारी पीपीई किट और दूसरे सामान को मूल पैकिंग से निकालकर दोबारा पैक करते हुए मिले। सौ रुपये कीमत की किट पर 19 सौ रुपये का लेवल लगाया जा रहा था। एसडीएम ने स्टोर मालिक जब इसका कारण पूछा तो उसने बहानेबाजी शुरू कर दी। बताया, यह माल डिस्पोजल का है, इस पर एसडीएम ने कहा कि लेवल पर अप्रैल 21 की निर्माण तिथि पड़ी है तो यह माल डिस्पोजल का कैसे हो सकता है। इस पर वह बगलें झांकने लगा।

मेहता सर्जिकल पर एफएसडीए के छापे में काफी गड़बड़ियां मिली हैं। सामान कितने में खरीदा और कितने में बेचा, इसका कोई हिसाब-किताब नहीं मिला। बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का भी मामला सामने आया है। प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा। – विशु राजा, एसडीएम सदर