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यूपी में मिला वाइट फंगस का पहला मरीज, अप्रैल में कोरोना होने के बाद चली गई आंखों की रोशनी

यूपी के मऊ में वाइट फंगस का पहला मामला आया है अप्रैल में कोरोना से ठीक होने के बाद चली गई आंखों की रोशनी दिल्‍ली के एक अस्‍पताल में शख्‍स का हुआ था इलाज मऊब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) रोग पूरे उत्तर प्रदेश में फैल रहा है। ऐसे में मऊ जिले के एक मरीज में सफेद फंगस का मामला पाया गया है। इससे पहले बिहार में भी वाइट फंगस के मामले पाए जा चुके हैं। एक 70 वर्षीय व्यक्ति में सफेद फंगस का पता चला था, जिसका पहले अप्रैल में दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड -19 का इलाज किया गया था और उसके ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी।कोविड -19 से ठीक होने के बाद वह लगातार स्टेरॉयड पर था। कुछ समय बाद, उन्हें आई फ्लोटर्स (आंखों के अंदर जेली जैसा पदार्थ) विकसित हो गई और उनकी आंखों की रोशनी चली गई। उनकी विट्रोस बायोप्सी के बाद वाइट फंगस संक्रमण की पुष्टि हुई। आदमी का इलाज चल रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सफेद फंगस के अन्य राज्यों में फैलने के अधिक प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस की तरह विषाणु जनित हो सकता है।डॉक्टर ने कहा – अपनी इम्यूनिटी रखेंगे टाइट, तो फंगस ब्लैक हो या व्हाइट नहीं करेगा आपसे फाइटसफेद फंगस से मौत की दर अभी पता नहींसफेद फंगस की मृत्यु दर वर्तमान में अज्ञात है। वाइट फंगस से संक्रमित मरीजों में कोविड जैसे लक्षण दिखे, लेकिन उनकी जांच नेगेटिव आई।