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अब शासन की अनुमति पर पास होगा अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का नक्शा, जानिए क्या होगी खासियत

मयंक श्रीवास्तव, अयोध्याअयोध्या इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने राम नगरी के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का नक्शा विकास प्राधिकरण को सौंपा दिया है। धन्नीपुर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद और अन्य सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मस्जिद के अलावा ये भी होंगी सुविधाएंआईआईसीएफ के ट्रस्टी कैप्टन अफजाल अहमद खान ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट की प्रस्तावित परियोजना के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि मस्जिद के अलावा यहां 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एक हजार लोगों को खाना तैयार करने वाली सामुदायिक रसोई, स्वतंत्रता सेनानी शहीद मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम अनुसंधान केंद्र शामिल है। मस्जिद में एक बार में दो हजार नमाजियों को समायोजित करने की क्षमता रहेगी। उन्होंने बताया कि ग्यारह सेटों में नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह को सौंपे गए हैं। ट्रस्ट ने मानचित्र की स्वीकृति के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में 89 हजार रुपये भी जमा करा दिए गए हैं।ट्रस्ट ने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह कियावहीं, कैप्टन अफजाल ने बताया कि परियोजना का नक्शा आकार में बड़ा है और सामान्य मानचित्रों से बहुत अलग है, इसलिए इसे ऑनलाइन अप्लाई नहीं किया जा सका है। अयोध्या विकास प्राधिकरण से मानचित्र को ऑफलाइन स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया है। ट्रस्ट ने आयकर विभाग द्वारा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को 80G का टैक्स छूट प्रमाणपत्र जारी न करने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसके कारण ट्रस्ट के लिए दान रुका हुआ है। आरोप लगाया है कि इससे परियोजना को शुरू करने में बाधा आ रही है। ट्रस्ट ने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।Ayodhya dhannipur masjid: अप्रूवल के लिए एडीए में 7 अप्रैल को जमा होगी मस्जिद आर्किटेक्‍ट की डिजाइनशासन को नक्शा भेज दिया गया: प्राधिकरणअयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि ऑनलाइन नक्शा नहीं जमा होने के कारण ऑफलाइन नक्शा पास करने के लिए निवेदन किया गया है। शासन के बिना अनुमति के ऑफलाइन नक्शा पास नहीं हो सकता। ऑफलाइन नक्शा पास किए जाने के लिए प्रदेश सरकार को फाइल भेजी जा रही है। शासन से अनुमति मिलने के बाद नक्शे की कितनी फीस होगी पता चलेगा।