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चीनी मिलें दें बकाया: बसपा सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, गन्ना किसानों को 11872 करोड़ रुपये भुगतान देने की मांग

उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, विरोधी दल भी राज्य की योगी सरकार को निशाने पर ले रहे है। गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के गन्ना किसानों के बकाए भुगतान के लिए राज्य की योगी सरकार को निर्देश देने की मांग की है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सांसद दानिश अली ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार दूसरे साल देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य रहा है, इसमें राज्य के करीब 40 लाख से अधिक गन्ना किसानों का योगदान है। राज्य के औद्योगिक विकास में चीनी उद्योग एक मज़बूत स्तंभ है। पिछले साल देश से लगभग 60 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था और उसमें सबसे अधिक भागीदारी उत्तर प्रदेश की रही क्योंकि यहां पर चीनी का उत्पादन महाराष्ट्र से लगभग दोगुना था। चालू वर्ष में भी क़रीब 60 लाख टन चीनी के निर्यात का अनुमान है।उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के इतने बड़े आर्थिक योगदान के बाद भी विडंबना यह है कि वे स्वयं बड़े आर्थिक संकट से गुज़र रहे हैं। गन्ना उत्पादन की तेली से बढ़ती लागत के बावजूद लगातार तीन पेराई सीजन में गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में कोई भी बढ़ोतरी राज्य सरकार ने नहीं की है, जबकि बिजली, खाद, पेस्टीसाइड, डीजल और मजदूरी इन सब लागतों में भारी बढ़ोतरी होने से गन्ना किसानों की कमाई में भारी कमी आई है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर 11,872.70 करोड़ रुपये का बकाया है। जबकि गत 12 मई तक कुल बकाए का 62.29 फीसदी ही भुगतान हुआ है।बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने पत्र में कहा कि किसान जिस गन्ने को सालभर की मेहनत और लागत से पैदा करता है और चीनी मिलों को समय से गन्ने की आपूर्ति करता है उस पर उसे समय पर भुगतान नहीं मिलता। राज्य सरकार के दस्तावेजों के अनुसार, 12 मई तक राज्य की चीनी मिलों के लिए कुल गन्ना भुगतान 32,348.66 करोड़ रुपये था। गन्ने की आपूर्ति के 14 दिन बाद की वैधानिक बकाए की गणना में भी यह आंकड़ा 31,487.75 करोड़ रुपये था। इसमें से 19,615.05 करोड़ रुपये का ही भुगतान उक्त चीनी मिलों ने 12 मई तक किया है। इसके बाद भी 11,872.70 करोड़ रुपये का बकाया चीनी मिलों पर है।सांसद अली ने आगे लिखा कि राज्य सरकार के अनुसार 12 मई तक कुल बकाए का 62.29 फीसदी भुगतान ही हुआ है जबकि 37.71 प्रतिशत अभी बाक़ी है। जबकि महाराष्ट्र में पिछले साल चीनी मिलों का चीनी उत्पादन आधा था और चालू सीज़न में भी उत्तर प्रदेश से कम है लेकिन 30 अप्रैल तक वहां की चीनी मिलों ने 92.4 फीसदी भुगतान कर दिया है, जो उत्तर प्रदेश के 12 मई तक के भुगतान से 1,000 करोड़ रुपये अधिक है।इस से साफ ज़ाहिर होता है कि चीनी के निर्यात और घरेलू बाज़ार से होने वाली कमाई के बावजूद चीनी मिलें किसानों का भुगतान समय से नहीं कर रही हैं। आपने 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किसानों से वादा किया था कि 14 दिन के अन्दर गन्ना किसानों को भुगतान किया जायेगा। आपसे अनुरोध है कि राज्य सरकार को निर्देश दें कि वह चीनी मिलों से समय पर भुगतान कराएं।

(एसएपी) में कोई भी बढ़ोतरी राज्य सरकार ने नहीं की है, जबकि बिजली, खाद, पेस्टीसाइड, डीजल और मजदूरी इन सब लागतों में भारी बढ़ोतरी होने से गन्ना किसानों की कमाई में भारी कमी आई है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर 11,872.70 करोड़ रुपये का बकाया है। जबकि गत 12 मई तक कुल बकाए का 62.29 फीसदी ही भुगतान हुआ है।
बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने पत्र में कहा कि किसान जिस गन्ने को सालभर की मेहनत और लागत से पैदा करता है और चीनी मिलों को समय से गन्ने की आपूर्ति करता है उस पर उसे समय पर भुगतान नहीं मिलता। राज्य सरकार के दस्तावेजों के अनुसार, 12 मई तक राज्य की चीनी मिलों के लिए कुल गन्ना भुगतान 32,348.66 करोड़ रुपये था। गन्ने की आपूर्ति के 14 दिन बाद की वैधानिक बकाए की गणना में भी यह आंकड़ा 31,487.75 करोड़ रुपये था। इसमें से 19,615.05 करोड़ रुपये का ही भुगतान उक्त चीनी मिलों ने 12 मई तक किया है। इसके बाद भी 11,872.70 करोड़ रुपये का बकाया चीनी मिलों पर है।
सांसद अली ने आगे लिखा कि राज्य सरकार के अनुसार 12 मई तक कुल बकाए का 62.29 फीसदी भुगतान ही हुआ है जबकि 37.71 प्रतिशत अभी बाक़ी है। जबकि महाराष्ट्र में पिछले साल चीनी मिलों का चीनी उत्पादन आधा था और चालू सीज़न में भी उत्तर प्रदेश से कम है लेकिन 30 अप्रैल तक वहां की चीनी मिलों ने 92.4 फीसदी भुगतान कर दिया है, जो उत्तर प्रदेश के 12 मई तक के भुगतान से 1,000 करोड़ रुपये अधिक है।

इस से साफ ज़ाहिर होता है कि चीनी के निर्यात और घरेलू बाज़ार से होने वाली कमाई के बावजूद चीनी मिलें किसानों का भुगतान समय से नहीं कर रही हैं। आपने 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किसानों से वादा किया था कि 14 दिन के अन्दर गन्ना किसानों को भुगतान किया जायेगा। आपसे अनुरोध है कि राज्य सरकार को निर्देश दें कि वह चीनी मिलों से समय पर भुगतान कराएं।