हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार की गई चार्जशीट, लाल किला हिंसा के बारे में संपूर्ण विवरण दे रही है। चार्जशीट में
बताया गया है कि, 26 जनवरी 2020 को हुए लाल किले हिंसा में खालिस्तानियों का हाथ था। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि
तलवार, रॉड, फारसी (संत) और भाले से लैस प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर “तबाही” करने के
लिए “सुनियोजित साजिश” के तहत धावा बोला था।
लाल किला हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 17 मई को दिल्ली अदालत में चार्जशीट दायर किया
था। जिसमें 16 संदिग्धों को नामजद किया गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों द्वारा लाल किले पर हमला करने
को “सुनियोजित साजिश” करार दिया है। चार्जशीट के अनुसार, आरोपी “तबाही” करने के लिए इकट्ठा हुए थे और लाल
किला परिसर को अपने नए प्रर्दशन स्थल के रूप में इस्तेमाल करना चाहते थे।
पुलिस को संदेह है कि इस सब में भारत के बाहर स्थित खालिस्तान समर्थक आतंकवादी समूह शामिल हैं। उन्होंने एक टेलीफोन
कॉल का उल्लेख किया है जो एक आरोपी इकबाल सिंह (45) को तब प्राप्त हुआ जब वह लाल किला परिसर में था। पुलिस ने
कहा कि कॉल की शुरुआत कनाडा में हुई थी।
चार्जशीट के अनुसार, एक वीडियो में इकबाल भीड़ को सुरक्षा गार्डों और पुलिस कर्मियों पर हमला करने के लिए उकसाता हुआ
नजर आ रहा है। वीडियो क्लिप में इकबाल सिंह कह रहा है कि “हमारे पास डंडे भी है…डंडे तैयार रख लो।”
पुलिस ने अपने चार्जशीट में इकबाल सिंह के एक कथित कबूलनामे का हवाला देते हुए कहा कि, लाल किले पर निशान साहिब
का झंडा फहराने पर प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस समूह ने उसे नकद इनाम देने का वादा किया
था।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दवा किया है कि, “पुलिस हिरासत के दौरान आरोपी (इकबाल) ने यह भी खुलासा
किया है कि 2009 में कनाडा में अपने प्रवास/यात्रा के दौरान वह टोरंटो के एक गुरुद्वारे में काम करता था। यह
गुरद्वारा पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन के समर्थन के लिए जाना जाता है। यहां तक कि घटना की तारीख यानी 26
जनवरी 2021 को भी जब वह लाल किले में मौजूद थे, तो उन्हें कनाडा से फोन आया। ….इसके अलावा एक ऑडियो
रिकॉर्डिंग का जिक्र है, जिसमें आरोपी इकबाल सिंह की बेटी अपने एक रिश्तेदार से बात कर रही है कि उन्हें यानी
इकबाल सिंह को ₹50 लाख की राशि मिलेगी।”
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली के दौरान कम से कम 394 पुलिसकर्मी और 10 किसान घायल हो हुए थे,
जबकि एक उपद्रवी की मौत भी हुई थी।
चार्जशीट से यह बात स्पष्ट हो रहीं है कि कैसे खालिस्तानी आतंकी संगठनों की गणतंत्र दिवस की लाल किला हिंसा में पूर्ण रूप
से योगदान और उसे बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका थी। साथ ही में तथाकथित किसान, उनका विरोध प्रर्दशन और उनके
करोड़पति नेता राकेश टिकैत भी पूरे तरह से एक्सपोज हो गए है।
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