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मेरठ में ब्लैक फंगस से दो मरीजों की हुई मौत, मिले 12 नए मरीज

मेरठमेरठ में ब्लैक फंगस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को 12 नए केस आए। मेडिकल में इलाज के दौरान दो महिला मरीजों की मौत हो गई। मेरठ में अब तक ब्लैक फंगस के 20 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग मरने वालों की संख्या 16 बता रहा है। उधर कोरोना संक्रमण के मामले में कई महीनों कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 के नीचे आई है। दूसरी तरफ कोरोना से जंग के लिए मेरठ में कोरोना कर्फ्यू को और एक हफ्ते यानी 7 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है।जिले में ब्लैंक फंगस के 112 मरीजों का इलाज मेडिकल समेत अन्य निजी अस्पतालों में चल रहा है। शनिवार को मेडिकल अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस से बिजनौर और गाजियाबाद की दो महिलाओं की मौत हो गई। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के म्यूकरमाइकोसिस वॉर्ड में ब्लैक फंगस के कुल 80 मरीज भर्ती हैं। जिनमें से 33 मरीज कोविड पॉजिटिव और 47 नेगेटिव हैं। 12 मरीजों का सफल ऑपरेशनदोनों तरह के मरीजों के लिए अलग-अलग कमरे में व्यवस्था है। 10 मरीज आईसीयू में गंभीर अवस्था में हैं। 12 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। वहीं, मेरठ के प्राइवेट अस्पताल आनंद में 10, न्यूटिमा में 3, मेरठ किडनी हॉस्पिटल में 2, लोकप्रिय 4, जसवंत राय 7, मेडिविन में एक मरीज ब्लैक फंगस का भर्ती है, जिनका इलाज चल रहा है।किसे हो सकता है ब्लैक फंगस?- कोविड के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड्स- मसलन डेक्सामिथाजोन, मिथाइल, प्रेडनिसोलोन आदि दी गई हों।- कोविड मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो।- कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट आदि की दवाएं चल रही हों।ब्लैक फंगस के लक्षण- बुखार आ रहा हो, सर दर्द हो रहा हो, खांसी हो या सांस फूल रही हो।- नाक बंद हो। नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो।- आंख में दर्द हो। आंख फूल जाए, एक चीज दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए।- चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो।- दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगें, चबाने में दांत दर्द करे।- उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए।क्या करेंब्लैक फंगस के कोई लक्षण नजर आए तो तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। नाक, कान, गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं ताकि जल्दी इलाज शुरू हो सके।