बरेली। कोरोना महामारी में रक्तदान की कमी अब जान पर भारी पड़ रही है। सोमवार को निजी अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति को एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप की जरूरत थी। सूचना मिलते ही युवक दिनेश तत्काल आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे और 100वीं बार रक्तदान कर रोगी की जान बचाई।सौ से अधिक बार रक्तदान कर चुके स्वैच्छिक रक्तदाता समाजसेवी सरदार इकबाल सिंह बाले ने बताया कि पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय व्यक्ति को खून की जरूरत थी। काफी खोजबीन के बाद एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप के लिए अस्पताल ने उनसे अनुरोध किया। उन्होंने अपने संगठन के एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप के युवक दिनेश कटियार से संपर्क किया तो वह तुरंत रक्तदान करने आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे गए। दिनेश ने बताया कि सोमवार को उन्होंने सौंवी बार रक्तदान किया। एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप बेहद कम लोगों का होता है। किसी जरूरतमंद की रक्त के अभाव में जान न जाए इसिलए वह नियमित रक्तदान करते रहते हैं। ब्यूरोबरेली। कोरोना महामारी में रक्तदान की कमी अब जान पर भारी पड़ रही है। सोमवार को निजी अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति को एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप की जरूरत थी। सूचना मिलते ही युवक दिनेश तत्काल आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे और 100वीं बार रक्तदान कर रोगी की जान बचाई।
सौ से अधिक बार रक्तदान कर चुके स्वैच्छिक रक्तदाता समाजसेवी सरदार इकबाल सिंह बाले ने बताया कि पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय व्यक्ति को खून की जरूरत थी। काफी खोजबीन के बाद एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप के लिए अस्पताल ने उनसे अनुरोध किया। उन्होंने अपने संगठन के एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप के युवक दिनेश कटियार से संपर्क किया तो वह तुरंत रक्तदान करने आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे गए। दिनेश ने बताया कि सोमवार को उन्होंने सौंवी बार रक्तदान किया। एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप बेहद कम लोगों का होता है। किसी जरूरतमंद की रक्त के अभाव में जान न जाए इसिलए वह नियमित रक्तदान करते रहते हैं। ब्यूरो
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