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यूपी के 75 में से 45 जिले बाढ़ की चपेट में, योगी सरकार ने शुरू कीं बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां

लखनऊयूपी में जैसे ही कोरोना महामारी की दूसरी लहर थोड़ा थमना शुरू हुई है, योगी आदित्यनाथ सरकार ने बाढ़ नियंत्रण की तैयारी शुरू कर दी है। खासकर राज्य के पूर्वी हिस्सों में जो बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, 75 जिलों में से 45 बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें 24 अति संवेदनशील, 16 संवेदनशील और पांच सामान्य हैं। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभावित बाढ़ वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा की थी। मौसम विशेषज्ञों ने इस साल भरपूर मॉनसून की भविष्यवाणी की है। बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए, सरकार ने संवेदनशील जिलों में बांधों की मरम्मत पहले ही कर दी है। संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ के दौरान आवश्यक रेत के थैले और बांस की गाड़ियां पर्याप्त मात्रा में स्टॉक कर ली गई हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे काम करने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष और वायरलेस केंद्र स्थापित किए गए हैं। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष लखनऊ में स्थापित किया गया है। संवेदनशील स्थानों की निगरानी के लिए गार्ड तैनात किए गए हैं और रात के लिए जनरेटर और पेट्रोमैक्स की व्यवस्था की गई है।कुछ स्‍थानों पर नदियों में की गई खुदाईमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों को सभी संवेदनशील जिलों में स्थिति की निगरानी करने और वहां भी शिविर लगाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर नदियों की खुदाई की गई है और प्रभावी निगरानी के लिए मुख्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम बाढ़ प्रबंधन के लिए बजट में वृद्धि करना है।

28 जिलों का दौरा कर चुके जल शक्ति मंत्रीउत्‍तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह खुद जिलों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। जल शक्ति मंत्री अब तक बाढ़ के संबंध में 28 जिलों का दौरा कर चुके है। जल्द ही वह पूर्वांचल के वो जिलें जो हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं, वहां का दौरा करने वाले हैं। इनमें बलिया, मऊ, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया समेत कई अन्य जिलें शामिल हैं। बाढ़ के लिए योगी सरकार का बड़ा बजटपिछली समाजवादी पार्टी सरकार के 2014 और 2017 के बीच बाढ़ नियंत्रण के लिए 382 करोड़ रुपये के वार्षिक प्रावधान के खिलाफ, योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2019 से 20 और साल 2021 से 22 के लिए 1,058.56 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। उल्लेखनीय है कि 2013 में राज्य का कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 2,336,992 हेक्टेयर था जबकि प्रभावित कुल कृषि योग्य भूमि 1,541,373 हेक्टेयर थी, जो 2020 में क्रमश 1,46,953 और 6,886 हेक्टेयर रह गई।