Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

अदालत से भागा बाबरिया गिरोह का बदमाश 18 साल बाद गिरफ्तार

सिरौली में 2002 में पड़ी डकैती के दौरान सराफा कारोबारी के घरवालों ने पकड़कर किया था पुलिस के सुपुर्द2003 में आंवला कोर्ट में पेशी के दौरान हो गया था फरार
आंवला। अदालत में पेशी के दौरान 18 साल पहले फरार हुए बावरिया गिरोह के बदमाश शाहजहांपुर में पुवायां के तेंदुआ फार्म निवासी राजेश उर्फ मटरू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 25 हजार रुपये के इनामी इस बदमाश से तमंचा भी बरामद हुआ है।पुलिस के मुताबिक 2002 में सिरौली कस्बे में सराफा व्यापारी प्रमोद भारद्वाज के घर डकैती पड़ी थी। परिवार के लोगों ने बदमाशों का जमकर मुकाबला किया। भीड़ इकट्ठी हुई तो बदमाश भागने लगे लेकिन एक डकैत को लोगों ने दबोचकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। राजेश नाम का यह बदमाश पुवायां (शाहजहांपुर) के तेंदुआ फार्म का निवासी था। सात मई 2003 को उसकी अदालत में पेशी होनी थी जिसके लिए तीन सिपाही उसे जिला जेल से लेकर आंवला न्यायालय पहुंचे थे। अदालत से राजेश पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। इसके बाद तीनों सिपाहियों के खिलाफ आंवला कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। कई साल तक राजेश की गिरफ्तारी नहीं हो पाई तो उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया। बुधवार को इंस्पेक्टर मनोज सिंह और दरोगा सलीम खान ने उसे रामनगर बसअड्डे के पास भूतेश्वर नाथ चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास एक तमंचा भी मिला।
पुलिस ने फोटो तक नहीं रखा रिकॉर्ड में, अपने गांव में रह रहा था बदमाश
बरेली। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि बाबरिया बदमाश राजेश का असली नाम मटरू है। आंवला कोर्ट से भागने के बाद वह अपने गांव में ही रहता रहा लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में उसका फोटो न रखे जाने की वजह से उसका पता नहीं लगाया जा सका।इंस्पेक्टर आंवला मनोज सिंह के मुताबिक सिरौली की डकैती में राजेश नाम से जेल गए बाबरिया बदमाश ने जमानत अर्जी लगाई तो पुलिस से उसके पते की तस्दीक कराई गई मगर पुवायां के तेंदुआ फार्म में राजेश नाम के किसी बदमाश की पुष्टि नहीं हुई। इस पर मुकदमे में धोखाधड़ी की धारा भी बढ़ा दी गई। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसे लगा कि फर्जी नाम की वजह से जमानत नहीं हो पाएगी तो वह पुलिस हिरासत से भाग निकला और कुछ समय बाद अपने गांव पहुंच गया। आंवला पुलिस कई बार राजेश नाम से उसकी तलाश में गांव पहुंचती थी मगर उसका पता लगाए बगैर लौट जाती थी।पुलिस ने बताया कि हाल ही जेल में बंद बाबरिया गिरोह के कुछ बदमाशों सेे पता चला कि राजेश का असली नाम मटरू है। इसके बाद उसकी तलाश में टीमें लगा दी गईं। बुधवार को वह आंवला पहुंचा तो गिरफ्तार कर लिया गया। मटरू के भागने के बाद जिन सिपाहियों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी, उनमें सुरेश चंद्र पुत्र शोभाराम रिटायर हो चुके हैं जबकि सुरेश चंद्र पुत्र मुंशी राम की मौत हो चुकी है।

सिरौली में 2002 में पड़ी डकैती के दौरान सराफा कारोबारी के घरवालों ने पकड़कर किया था पुलिस के सुपुर्द

2003 में आंवला कोर्ट में पेशी के दौरान हो गया था फरार
आंवला। अदालत में पेशी के दौरान 18 साल पहले फरार हुए बावरिया गिरोह के बदमाश शाहजहांपुर में पुवायां के तेंदुआ फार्म निवासी राजेश उर्फ मटरू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 25 हजार रुपये के इनामी इस बदमाश से तमंचा भी बरामद हुआ है।

पुलिस के मुताबिक 2002 में सिरौली कस्बे में सराफा व्यापारी प्रमोद भारद्वाज के घर डकैती पड़ी थी। परिवार के लोगों ने बदमाशों का जमकर मुकाबला किया। भीड़ इकट्ठी हुई तो बदमाश भागने लगे लेकिन एक डकैत को लोगों ने दबोचकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। राजेश नाम का यह बदमाश पुवायां (शाहजहांपुर) के तेंदुआ फार्म का निवासी था। सात मई 2003 को उसकी अदालत में पेशी होनी थी जिसके लिए तीन सिपाही उसे जिला जेल से लेकर आंवला न्यायालय पहुंचे थे। अदालत से राजेश पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। इसके बाद तीनों सिपाहियों के खिलाफ आंवला कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। कई साल तक राजेश की गिरफ्तारी नहीं हो पाई तो उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया। बुधवार को इंस्पेक्टर मनोज सिंह और दरोगा सलीम खान ने उसे रामनगर बसअड्डे के पास भूतेश्वर नाथ चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास एक तमंचा भी मिला।

पुलिस ने फोटो तक नहीं रखा रिकॉर्ड में, अपने गांव में रह रहा था बदमाश
बरेली। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि बाबरिया बदमाश राजेश का असली नाम मटरू है। आंवला कोर्ट से भागने के बाद वह अपने गांव में ही रहता रहा लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में उसका फोटो न रखे जाने की वजह से उसका पता नहीं लगाया जा सका।

इंस्पेक्टर आंवला मनोज सिंह के मुताबिक सिरौली की डकैती में राजेश नाम से जेल गए बाबरिया बदमाश ने जमानत अर्जी लगाई तो पुलिस से उसके पते की तस्दीक कराई गई मगर पुवायां के तेंदुआ फार्म में राजेश नाम के किसी बदमाश की पुष्टि नहीं हुई। इस पर मुकदमे में धोखाधड़ी की धारा भी बढ़ा दी गई। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसे लगा कि फर्जी नाम की वजह से जमानत नहीं हो पाएगी तो वह पुलिस हिरासत से भाग निकला और कुछ समय बाद अपने गांव पहुंच गया। आंवला पुलिस कई बार राजेश नाम से उसकी तलाश में गांव पहुंचती थी मगर उसका पता लगाए बगैर लौट जाती थी।

पुलिस ने बताया कि हाल ही जेल में बंद बाबरिया गिरोह के कुछ बदमाशों सेे पता चला कि राजेश का असली नाम मटरू है। इसके बाद उसकी तलाश में टीमें लगा दी गईं। बुधवार को वह आंवला पहुंचा तो गिरफ्तार कर लिया गया। मटरू के भागने के बाद जिन सिपाहियों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी, उनमें सुरेश चंद्र पुत्र शोभाराम रिटायर हो चुके हैं जबकि सुरेश चंद्र पुत्र मुंशी राम की मौत हो चुकी है।