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साइबर अपराधों पर नियंत्रण को लेकर गंभीर नहीं है यूपी पुलिस – हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधों विशेषकर साइबर ठगी के अपराधों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण न कर पाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर असंतोष जताया है। कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराधी ठगी करके लोगों के बैंक खाते खाली कर देते हैं। यह समाज के विरुद्ध किया जाने वाला अपराध है। पुलिस इस पर नियंत्रण के लिए गंभीर प्रयास नहीं कर रही है।

कोर्ट ने एस पी साइबर सेल लखनऊ को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि प्रदेश में पिछले एक साल में साइबर अपराध की कितनी एफआईआर दर्ज हुई है।उनकी विवेचना की क्या स्थिति है। बैंकों से कुल कितनी राशि  निकाली गई,कितनी वापसी  की गई।और साइबर क्राइम के नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।कोर्ट ने कहा कि मांगी जानकारी न दे सके तो अगली सुनवाई की तिथि 9जुलाई को हाजिर हो। दयह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने नीरज मंडल उर्फ राकेश की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने एस पी क्राइम/साइबर सेल प्रयागराज, एस एच ओ कैंट व विवेचनाधिकारी को तलब किया है और निर्देश दिया है कि प्रयागराज में दर्ज  साइबर अपराध के मुकदमों का चार्ट पेश करें,   विवेचना की प्रगति बताएं, कितनी राशि की ठगी की गई और कितनी राशि की वापसी हो सकी है।साथ ही नियंत्रण के क्या प्रयास किए गए हैं। कोर्ट ने साइबर ठगी के आरोपियों तपन मंडल,तौसीफ जामन,सुबू शाहा, की जमानत अर्जियो की फाइल पेश करने का निर्देश दिया है।आठ दिसंबर 20को हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के बैंक खाते से साइबर ठगी कर लाखों रुपये निकाल लिए गए । जिसकी एफ आई आर कैट थाना प्रयागराज मे दर्ज करायी गई है।
कोर्ट के निर्देश पर एस पी साइबर अपराध सेल आशुतोष मिश्र हाजिर हुए। उन्होने कोर्ट को बताया कि आईओ राष्ट्रपति की वीवीआईपी ड्यूटी में कानपुर में होने के नाते हाजिर नहीं हो सके। एस एच ओ कोरोना पीड़ित है ,इसलिए वह भी नहीं आ सके।प्रश्नगत केस में  छ: लोगों के खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।जिसमें  से चार गिरफ्तार किए गए हैं।दो के खिलाफ वारंट जारी किया गया है।जब कि याची के अधिवक्ता आई एम खान ने कहा कि चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है।इसपर कोर्ट ने पुलिस कार्रवाई से असंतोष जाहिर किया और एस पी साइबर अपराध उ प्र से एक साल के अपराधों पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।सुनवाई 9 जुलाई को होगी।

उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधों विशेषकर साइबर ठगी के अपराधों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण न कर पाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर असंतोष जताया है। कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराधी ठगी करके लोगों के बैंक खाते खाली कर देते हैं। यह समाज के विरुद्ध किया जाने वाला अपराध है। पुलिस इस पर नियंत्रण के लिए गंभीर प्रयास नहीं कर रही है।

कोर्ट ने एस पी साइबर सेल लखनऊ को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि प्रदेश में पिछले एक साल में साइबर अपराध की कितनी एफआईआर दर्ज हुई है।उनकी विवेचना की क्या स्थिति है। बैंकों से कुल कितनी राशि  निकाली गई,कितनी वापसी  की गई।और साइबर क्राइम के नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

कोर्ट ने कहा कि मांगी जानकारी न दे सके तो अगली सुनवाई की तिथि 9जुलाई को हाजिर हो। दयह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने नीरज मंडल उर्फ राकेश की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट ने एस पी क्राइम/साइबर सेल प्रयागराज, एस एच ओ कैंट व विवेचनाधिकारी को तलब किया है और निर्देश दिया है कि प्रयागराज में दर्ज  साइबर अपराध के मुकदमों का चार्ट पेश करें,   विवेचना की प्रगति बताएं, कितनी राशि की ठगी की गई और कितनी राशि की वापसी हो सकी है।साथ ही नियंत्रण के क्या प्रयास किए गए हैं। कोर्ट ने साइबर ठगी के आरोपियों तपन मंडल,तौसीफ जामन,सुबू शाहा, की जमानत अर्जियो की फाइल पेश करने का निर्देश दिया है।आठ दिसंबर 20को हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के बैंक खाते से साइबर ठगी कर लाखों रुपये निकाल लिए गए । जिसकी एफ आई आर कैट थाना प्रयागराज मे दर्ज करायी गई है।
कोर्ट के निर्देश पर एस पी साइबर अपराध सेल आशुतोष मिश्र हाजिर हुए। उन्होने कोर्ट को बताया कि आईओ राष्ट्रपति की वीवीआईपी ड्यूटी में कानपुर में होने के नाते हाजिर नहीं हो सके। एस एच ओ कोरोना पीड़ित है ,इसलिए वह भी नहीं आ सके।प्रश्नगत केस में  छ: लोगों के खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।जिसमें  से चार गिरफ्तार किए गए हैं।दो के खिलाफ वारंट जारी किया गया है।जब कि याची के अधिवक्ता आई एम खान ने कहा कि चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है।इसपर कोर्ट ने पुलिस कार्रवाई से असंतोष जाहिर किया और एस पी साइबर अपराध उ प्र से एक साल के अपराधों पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।सुनवाई 9 जुलाई को होगी।