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गरीबी से हारी एक मां ने 2 साल की बच्ची को जिंदा दफना दिया, ग्रामीणों ने बचाया

गरीबी से हारी एक मां ने उसने अपनी 2 साल की बच्ची को जिंदा दफन कर दियादो वक्त की रोटी भी ठीक से न नसीब हो पाने से बच्ची कुपोषण का शिकार हो गई थीग्रामीणों को भनक लगने पर उन्होंने बच्ची को जमीन से निकला और पुलिस को सूचना दीहरदोईहरदोई के लोनार थानाक्षेत्र के ग्राम सकरौली से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। गरीबी ने एक मां को इतना मजबूर कर दिया कि उसने अपनी 2 साल की बच्ची को जिंदा दफन कर दिया। दो वक्त की रोटी भी ठीक से न नसीब हो पाने से बच्ची कुपोषण का शिकार हो गई थी। ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने बच्ची को जमीन से निकला और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने चाइल्डलाइन केंद्र प्रभारी को सूचित किया। चाइल्डलाइन की टीम मौके पर पहुंची और बच्ची को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करवाया। चाइल्ड लाइन केंद्र प्रभारी ने बताया कि बच्ची अति कुपोषित है।पति की मौत के बाद आर्थिक संकटजानकारी के अनुसार लोनार थाना क्षेत्र के सकरौली गांव निवासी भगवानदीन ने राजकुमारी नाम की महिला से शादी की थी। दो वर्ष पूर्व भगवानदीन की मौत हो गई।

भगवानदीन के एक बेटा और दो बेटियां हैं। पति की मौत के बाद राजकुमारी दाने-दाने को मोहताज हो गई। खाना न मिलने की वजह से उसकी छोटी बेटी मधु कुपोषण का शिकार हो गई। महिला की काउंसलिंग कराई जाएगीबच्ची से छुटकारा पाने के लिए राजकुमारी ने उसे जमीन में दफन करने की कोशिश की। हालांकि ग्रामीणों की सजगता से बच्ची को बचा लिया गया। चाइल्ड लाइन के समन्वयक अनूप तिवारी ने बताया कि बच्ची अति कुपोषित है। उसका इलाज किया जा रहा है। पूरी घटना के संबंध में जब महिला राजकुमारी से बात करने की कोशिश की गई तो वह कुछ भी बताने में असमर्थ रही। हालांकि जिला प्रोबेशन अधिकारी कह रहे हैं कि महिला की काउंसलिंग कराई जाएगी।महिला के पास है राशन कार्डजिला प्रोबेशन अधिकारी सुशील सिंह ने बताया कि जिला पूर्ति अधिकारी ने महिला को राशन उपलब्ध होने के मामले में जांच करवाई। पता चला कि राजकुमारी के पास पात्र गृहस्थी योजना का कार्ड है। 16 मार्च और 6 अप्रैल को उसने ई-पॉश मशीन में अंगूठा लगाकर कोटे से राशन भी लिया है। इसके बाद से महिला राशन लेने नहीं आई। गृहस्थी कार्ड में दर्ज नहीं है नामउन्होंने बताया कि महिला की संतानों का आधार कार्ड न होने के कारण उनका नाम पात्र गृहस्थी कार्ड में नाम दर्ज नहीं है। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि महिला को आंगनबाड़ी केंद्र से सूखा राशन मिलता है जो मार्च, मई और जून में उसे उपलब्ध करवा दिया गया था।