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अमरिंदर और सिद्धू की आपसी लड़ाई, पंजाब में कांग्रेस की नाव डूबा देगी!

article-03-july-2021

पंजाब कांग्रेस का सियासी घमासान कांग्रेस आलाकमान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तकरार ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की नींदें उड़ा रखी हैं। ऐसे में सोनिया गांधी द्वारा गठित कमेटी के सामने पेश होने के बाद अब सिद्धू ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की है। सिद्धू के लिए पार्टी आलाकमान से कुछ सकारात्मक संकेत भी मिले हैं, क्योंकि उन्हें वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने की बात भी चल रही है। अगर ऐसा होता है तो इसे अमरिंदर के खिलाफ सिद्धू की जीत मानी जा सकती है और नतीजा ये हो सकता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में एक बड़ी बगावत को अंजाम देते नजर आएंगे।

दरअसल, कांग्रेस आलाकमान काफी वक्त से कैप्टन और सिद्धू के झगड़ों को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस आलाकमान को लेकर पहले कहा जा रहा था कि वो सिद्धू से नाराज है, लेकिन सिद्धू पिछले काफी वक्त से दिल्ली में जमे हुए हैं। वहीं अब उनकी मुलाकात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से हुई थी, वहीं उनकी बातों पर राहुल गांधी ने भी गौर किया है, जिसके बाद से ही कांग्रेस में उनके लिए सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं। संभावनाएं ये भी हैं कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू को अहम जिम्मेदारियां मिल सकती हैं।

रिपोर्ट बताती है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान की शह पर स्पेशल वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धू को चुनाव में कैंपेन कमेटी का प्रभारी बनाने के साथ ही चुनाव में टिकट आवंटन के फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। यदि ऐसा कुछ फ़ैसला होता है, तो ये कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए बड़े झटके की तरह होगा, क्योंकि इससे दोनों के बीच चल रही लड़ाई में सिद्धू की जीत मानी जाएगी।

यदि कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा इस लड़ाई में सिद्धू को महत्व देती है तो कांग्रेस को इसका बड़ा नुक़सान हो सकता है। सिद्धू को बड़ी ज़िम्मेदारियां मिलना इस बात का संकेत है कि पंजाब कांग्रेस में एक बड़ी बगावत देखने को मिलेगी। इसका मुख्य केन्द्र कैप्टन अमरिंदर सिंह ही होंगे। कैप्टन का बगावत करना ही कांग्रेस की बर्बाद की सबसे बड़ी वजह होगी और विधानसभा चुनाव में पार्टी बिखर जाएगी।

इतना ही नहीं यदि कांग्रेस सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी देती भी है, तो भी कांग्रेस को नुक़सान होगा, क्योंकि सिद्धू की राजनीति अपरिपक्वता कांग्रेस पर भारी पड़ेगी। वहीं सिद्धू पूरे चुनाव में कैप्टन का टारगेट होंगे, जिससे कांग्रेस के लिए ये पंजाब विधानसभा चुनाव अब तक का सबसे मुश्किल चुनाव होगा, जिसमें मुख्य तौर पर कांग्रेस की तगड़ी हार हो सकती है।