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गाय, हाथी और अब कुत्ते – कम्युनिस्ट केरल में जानवरों के प्रति क्रूरता ने सारी हदें पार कर दी हैं

04 july 2021

केरल में एक बार फिर से इंसानों का अमानवीय चेहरा सामने आया है। दरअसल, हाल ही में केरल के तिरुवनंतपुरम में तीन लोगों ने मिलकर एक कुत्ते को बेरहमी पीट-पीटकर मार डाला है। उस कुत्ते का नाम ब्रूनो था और यह 9 वर्षीय लैब्राडोर कुत्ता था। पुलिस के अनुसार, इस वारदात की वजह मालिक और आरोपियों के बीच निजी दुश्मनी है।

बता दें कि ब्रुनो को क्रूरता से मारा गया था, पहले उसको डंडे से मार – मार के अधमरा कर दिया। उसके बाद आरोपियों ने ब्रूनो को मछली मारने वाली हुक के सहारे नाव से लटका दिया और फिर उसे तब तक मारते रहें जब तक मौत नहीं हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, इस वारदात का वीडियो ब्रूनो के मालिक जी क्राइस्टुराजन ने इंटरनेट पर साझा किया था। बता दें कि इस मामले को केरल हाईकोर्ट ने suo moto के तहत संज्ञान में ले लिया है।

बता दें कि जब किसी मामले को कोर्ट खुद अपनी तरफ से संज्ञान में लेता है और उस पर कार्यवाही करता है, उसको Suo motu कहते है।

न्यायाधीशों ने इस मामले का नाम कुत्ते ब्रूनो के नाम पर ‘इन रे: ब्रूनो’ रखा है।

न्यायमूर्ति जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति पी गोपीनाथ की खंडपीठ ने अदालत के रजिस्ट्रार को अपने निर्देश के बारे में कहा, “हमें लगता है कि यह उस असहाय कुत्ते ब्रूनो के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी, जिसकी मौत मानव क्रूरता की वजह से हुई है।“

याचिका में स्पष्ट अक्षरों में लिखा गया है कि केरल सरकार की नाकामी की वजह से कोर्ट ने यह मामला suo motu के तौर पर संज्ञान में लिया है। बता दें कि केरल में बेजबान जानवरों के साथ क्रूरता का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एक विडियो सामने आया था जिसमें केरल के 2 युवक स्कूटी के पीछे एक कुत्ते को बांध कर घसीट रहे थे।

27 मई, 2020 को पलक्कड़ में वेल्लियार नदी में विस्फोटकों से भरे अनानास के सेवन से एक गर्भवती हाथी की मौत हो गई थी। साल 2017 में केरल यूथ कांग्रेस के 17 कार्यकर्ताओं ने कन्नूर में गोमांस उत्सव और गाय के बछड़े को खुले में मारने का आयोजन किया था। आपको बता दें कि कम्युनिस्ट केरल में जानवरों के साथ अमानवीय क्रूरता की वारदातें आए दिन होती रहती है।

केरल मे जिस प्रकार से बेज़बान जानवरों के साथ बर्ताव किया जाता है, उसे रोकने के लिए पिनराई विजयन की सरकार ने अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। बता दें कि ब्रूनों के मामले में भी केरल पुलिस ने पहले मामला दर्ज नहीं किया था, लेकिन जानवर अधिकार के संगठनो द्वारा दबाव बनाने के बाद तीनों आरोपियों के ऊपर  मुकदमा दर्ज करना पड़ा। इतना ही नहीं, केरल पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ संगीन जुर्म के तहत मुकदमा दर्ज नहीं किया, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही छोड़ दिया गया।

 आपको बता दें कि फिलहाल हमारे देश में जानवरों के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए कोई ठोस कानून नहीं हैं। बहरहाल, केंद्र सरकार इसके लिए नए कानून लाने की  योजना बना रही है। जिसके तहत जानवरों पर अत्याचार करने वालों को 5 साल कि जेल और 75,000 रुपये जुर्माना के तौर पर देना पड़ सकता है। वर्तमान में, जानवरों पर क्रूरता के आरोपियों को महज 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का  जुर्माना देना पड़ता है।