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राजनेता-ब्यूरोक्रेसी का गठजोड़

राजनीती में सब्जी बनाने  बैंगन बेचने नहीं आये हैं…….   अशोक गहलोत

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गहलोत सरकार और Rajasthan Cricket Association (राजस्थान क्रिकेट संघ) दोनों ही घोटालों के लिए जाने जाते हैं। 4 जुलाई का समाचार है – अशोक गहलोत की सरकार ने मुख्यमंत्री  के बेटे वैभव गहलोत को क्रिकेट स्टेडियम के लिए जमीन के पट्टे सौंपे हैं जिसकी लागत 650 करोड़ है। आरसीए आयुक्त गौरव गोयल ने दिल्ली रोड के चोंप गांव में बनने वाले स्टेडियम के लिए आवंटित जमीन के कागजात आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को दिए। यह कहना गलत नहीं होगा कि एक और घोटाले की भी शुरुआत हो चुकी है। वैक्सीन घोटाला हो या ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर घोटाला हो, गहलोत सरकार अपने घोटाले के लिए मशहूर हैं।

गहलोत बोले- मासूम चेहरे वाले पायलट निकम्मे और नकारा हैं; मैं यहां कोई बैंगन बेचने नहीं आया हूं……

#WATCH Hum jaante the ki wo (Sachin Pilot) nikkamma hai, nakaara hai, kuch kaam nahi kar raha hai, khaali logon ko ladvaa raha hai…Main yahan baingan bechne nahi aaya hoon, main sabzi bechne nahi aaya hoon. Main CM ban’ne aaya hoon: Rajasthan CM Ashok Gehlot

3:41 PM · Jul 20, 2020

यहाँ उल्लेल्हनीय है कि राजस्थान कांग्रेस के मुख्यमंत्री गहलोत के कहने पर राजस्थान के शीर्ष पुलिस अधिकारी अनिल पालीवाल ने राजस्थान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सचिन पायलट को टारगेट किया था।

अनिल पालीवाल के गहलोत के सहयोगियों के साथ भी व्यावसायिक हित हैं। यह जानकारी आईएएनएस द्वारा देखे गए एक दस्तावेज से मिली है। राजस्थान में जिस तरह से सियासी संकट गहरा गया है, उस पर आरोप है कि गहलोत ने राजस्थान में सचिन पायलट और विपक्ष को निशाना बनाने के लिए अपनी ही पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष पायलट और राजनीति से प्रेरित और भ्रष्ट नौकरशाह पालीवाल का इस्तेमाल किया.

इसी तरह महा विकास अघाड़ी सरकार के इशारे पर मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह रिपब्लिक टीवी की जानी-मानी फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत और अर्नब गोस्वामी को निशाने पर ले रहे हैं. आरोप है कि पालघर में दो संतों की मॉब लिंचिंग के दोषियों के बचाव में उक्त पुलिस अधिकारी भी शामिल है.

एसओजी प्रभारी अनिल पालीवाल की वफादारी पर संदेह जताते हुए राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को सक्रिय रूप से निशाना बनाते देखा गया है। एसओजी ने कांग्रेस के बागी सचिन पायलट को दिया नोटिस पालीवाल तब एसओजी के प्रभारी एडीजी थे। पालीवाल वही अधिकारी हैं जिन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत को फंसाने के लिए संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

पालीवाल के गहलोत परिवार के साथ व्यापारिक साझेदारी

यह बात सामने आ चुकी है कि पालीवाल और उनके परिवार की गहलोत और उनके सहयोगियों के साथ कई व्यापारिक साझेदारियां हैं। आईएएनएस को मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि पालीवाल की पत्नी सारिका अनिल पालीवाल रतन कांत शर्मा के साथ ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स में प्रमोटर हैं, जिसमें फेयरमाउंट होटल है। एक अंदरूनी सूत्र के मुताबिक रतनकांत शर्मा वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर के तौर पर जाने जाते हैं। वैभव गहलोत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र हैं।

पालीवाल की पत्नी भी पालीवाल की पत्नी गोल्डन पीस रिसॉर्ट्स और मयंक शर्मा एंटरप्राइजेज की प्रमोटर हैं। गहलोत परिवार के व्यावसायिक हितों की जटिलता इस तरह से बुनी गई है कि मयंक शर्मा एंटरप्राइजेज के शेयरधारक भी ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के शेयरधारक हैं। आईएएनएस द्वारा देखे गए आरओसी दस्तावेजों के अनुसार, सारिका पालीवाल, रतन कांत शर्मा और ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के अन्य प्रमोटरों के पते भी 103 शांतिवन, 2ए, रहेजा टाउनशिप मलाड (ई) हैं।

होटल में ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के शेयरधारक सारिका पालीवाल, मयंक शर्मा और पीएल कमलेश के साथ प्रमोटर शेयरधारक हैं, जिसे 14 मार्च 2007 को मुंबई में शामिल किया गया था। सारिका पालीवाल के पास ट्राइटन के 7500 शेयरों में से 3500 शेयर हैं। बाद में 3500 शेयर रतन कांत शर्मा और उनकी पत्नी जूही शर्मा को ट्रांसफर कर दिए गए, जो अब ट्राइटन होटल्स के 50 फीसदी शेयरधारक हैं।

इसी तरह महा विकास अघाड़ी सरकार के इशारे पर पूर्व मुंबई पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह रिपब्लिक टीवी की जानी-मानी फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत और अर्नब गोस्वामी को निशाने पर लेते  रहे हैं. आरोप है कि पालघर में दो संतों की मॉब लिंचिंग के दोषियों के बचाव में उक्त पुलिस अधिकारी भी शामिल है.

उक्त पुलिस अधिकारी एक हाथ से सीएम उद्धव ठाकरे की मदद करते हुए अपने दूसरे हाथ का इस्तेमाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार और गृह मंत्री अनिल देशमुख के निर्देश पर गैर कानूनी उगाही का नृत्य करने के लिए किया।

परमबीर सिंह मुंबई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे, जब अजीत पवार को एक हाई-प्रोफाइल सिंचाई धोखाधड़ी में चिट दी गई थी, जिसे उनके करियर पर एक धब्बा बताया गया था।
  आज राजनीती का पर्यायवाची भ्रष्टाचार हो गया है। विशेषकर परिवारवादी पार्टियां और उनके नेताओं की राजनीति का लेलहाजोखा करें तो हम इसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। पहले राजनीती में लोग आते थे देश की सेवा करने अब राजनीती हो रही है अपनी और अपने परिवार की सेवा करने के लिए। इस सत्य को उजागर कर रहा है -राजनेता-ब्यूरोक्रेसी का गठजोड़। 

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