Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

जम्मू-कश्मीर की तरह लक्षद्वीप में भी अराजकता फैलाने की कोशिशें

06 july 2021

लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल पटेल ने कांग्रेस नेताओं को द्वीप में एंट्री करने की और द्वीप पर अराजकता फैलाने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है। दरअसल, कांग्रेस पार्टी के कुछ सांसद लक्षद्वीप दौरा करना चाहते थे और प्रशासक प्रफुल पटेल के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनना चाहते थे। ऐसे में लक्षद्वीप प्रशासन ने शांतिपूर्ण माहौल को भंग अथवा कोविड के नियमों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं को द्वीप में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है।

बता दें कि कांग्रेस सांसद टी एन प्रथपान, हिबी इडेन और ऑल इंडिया फिशरमैन कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार लक्षद्वीप में दौरा करके लक्षदीप प्रशासक प्रफुल पटेल और उनके द्वारा लाए गए लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन के मसौदे के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन से जुड़ने वाले थे। ऐसे में प्रशासन को आभास हुआ कि कांग्रेसी नेताओं का यह दौरा पूरी तरह से द्वीप में अराजकता फैलने और शांति को भंग करने के मकसद से हैं।

लक्षद्वीप प्रशासन ने कांग्रेस नेताओं को द्वीप समूह में आने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि राजनीतिक क्रियाकलाप के लिए उनकी इस यात्रा से शांतिपूर्ण माहौल में बाधा पैदा होगी। इसके साथ ही प्रशासन ने आगे यह भी कहा कि, “नेता समूह द्वीप पर कोविड फैला सकते हैं। चूकी वो बहुत सारे लोगों से मिलेंगे ऐसे में द्वीप में कोरोना फैलने की उम्मीद की जा सकती है।”

प्रशासन द्वारा रोके जाने पर कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि अगर नेताओं को लक्षद्वीप में एंट्री नहीं दी गई तो यह मुद्दा हाईकोर्ट तक जाएगा। कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने कहा है, ‘कलेक्टर का कहना है कि अगर हम द्वीप समूह गए तो यह कानून व्यवस्था का मसला होगा, कैसे ? अपने साथी नागरिकों से मिलना कानून व्यवस्था बिगाड़ना नहीं है। हम लक्षद्वीप प्रशासक के सामने यह मुद्दा उठा रहे हैं। अगर उन्होंने भी यही जवाब दिया तो हम हाईकोर्ट जाएंगे और संसद में लक्षद्वीप का मुद्दा उठाएंगे।’

बता दें कि कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर की भांति लक्षद्वीप में भी अराजकता फैलाकर अपनी राजनीति को चमकाना चाहती थी, परंतु द्वीप के कड़क प्रशासक प्रफुल पटेल ने कांग्रेसी नेताओं को एंट्री की अनुमति न देकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। साल 2019 में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल नें कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि गांधी, जम्मू कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में लक्षद्वीप प्रशासन को इस बात का अनुमान लगाना ज्यादा मुश्किल काम नहीं था कि ठीक उसी प्रकार द्वीप में भी कांग्रेसी नेता शांति भंग करने के मकसद से आ रहे हैं।

आपको बता दें कि लक्षद्वीप के प्रसाशक प्रफुल पटेल अपने कार्यकाल में द्वीप में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं जिसका विरोध द्वीप में रह रहें कट्टर मुसलमान कर रहे हैं। ऐसे में जाहीर है कि कांग्रेस पार्टी अपनी राजनीतिक रोटी सेकने का मौका नहीं छोड़ेगी। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक सभी ने जम्मू कश्मीर की भांति लक्षद्वीप में भी अराजकता को फैलाने के लिए कवयाद शुरू कर दी है, जिसको रोकने के लिए प्रफुल पटेल हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।