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कोरोनाकाल में बढ़ी ई-कॉमर्स व डिजिटल इंडिया की भूमिका

7 july 2021
कहते हैं कोई नया अवसर किसी बड़ी संकट या आपदा से ही शुरू होती है। वहीं डिजिटल इंडिया का कोविड-19 में लाभएक नए अवसर को प्रदान करता है।
कोरोना वायरस के कारण लोगों के काम करने के हर तरीकों में एक नया बदलाव देखने को मिला है, चाहे वह शिक्षा से संबंधित हो या व्यापार से संबंधित। अब देश की अर्थव्यवस्था का विकास डिजिटलीकरण कर के किया जा रहा है। जिसके कारण सबसे अधिक लाभ उसी क्षेत्र को हो रहा है जो प्रत्यक्ष रूप से डिजिटलीकरण से जुड़े हुए हैं।
कोविड वृद्धि के मद्देनजर लगातार दूसरे वर्ष यात्रा रद्द किए जाने के बाद श्राइन बोर्ड ने पहले ही टीवी और डिजिटल दोनों प्लेटफॉर्म पर भगवान शिव की पवित्र गुफ ा से सुबह और शाम की आरती के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की है।
डिजिटल इंडिया बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि भारत में आज भी कई लोगों के पास ऐसी सेवा मौजूद नहीं है जिससे वह इलेक्ट्रॉनिक रूप में जानकारी हासिल कर सकें। अत: इसके माध्यम से ई क्रांति के तहत विभिन्न सेवाओं को आधुनिक रूप से परिचय करवाया जा सकता है। इस कार्यक्रम के उद्देश्य के तहत सभी को इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराना, सभी को जानकारी उपलब्ध कराना, भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात को बिल्कुल बंद करना तथा सूचना प्रौद्योगिकी में नौकरियां पैदा करना आदि शामिल हैं।
डिजिटल इंडिया का कोविड-19 में लाभ
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने आधार, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, कॉमन सर्विस सेंटर में, डिजीलॉकर में, मोबाइल आधारित सेवाएँ, रू4त्रश1 के माध्यम से शासन में भागीदारी, आयुष्मान भारत, ई-अस्पताल, पीएम-किसान, ई-नाम, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, स्वयं प्रभा, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई-पाठशाला आदि के माध्यम से भारतीय नागरिकों के जीवन के सभी दिशाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
कोरोना महामारी इंसान के लिए अभिशाप बन कर आयी है। इसी महामारी के दौरान और उसके बाद के समय में कहीं ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें यह एक वरदान की तरह साबित हो रहा है।
कोरोना काल के समय और बाद में लोग अब घर बैठे ही अपनी ऑनलाइन की जरूरतों को पूरा कर रहे है। लोग घर में बैठे ही अपनी जरूरत की शॉपिंग कर लेते हैं।
एक बड़ी संख्या में अचानक से डिजिटलीकरण होने के कारण कुछ विशेष प्रकार के क्षेत्र हैं जो काफी अधिक लाभान्वित हुए है। डिजिटल इंडिया का कोविड 19 में लाभ कई तरह के क्षेत्र और पर निर्भर करता है जो की निम्नलिखित हैं:
दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा रिटेल बाजार है भारतीय रिटेल सेक्?टर
भारत को दुनिया में सबसे तेज़ी से वृद्धि करने वाला और सबसे आकर्षक ई-कॉमर्स अर्थव्यवस्था माना जाता है. आईबीईएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का रिटेल सेक्टर करीब 883 अरब डॉलर का है और यह पूरी दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा रिटेल बाज़ार है. उम्मीद है कि 2024 में यह 1.3 लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा. इसमें से ई-कॉमर्स बाज़ार भी 2024 तक 111 अरब डॉलर का हो जाने की उम्मीद है. टियर 2 और टियर 3 शहरों में तेज़ वृद्धि और पूरे देश में मोबाइल और इंटरनेट में आई जबरदस्त तेज़ी के दम पर ई-कॉमर्स कारोबार में वृद्धि होने की उम्मीद है.
मेडिसिन, फार्मा और स्वास्थ्य सेवाओं, खाना और रिटेल, यात्रा, हेल राइड, फिनटेक, सेवाओं (जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, बार्बर आदि) की होम डिलिवरी, ओटीटी और इन-होम इंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों में ई-कॉमर्स कोविड-19 के दौरान रक्षा कवच साबित हुआ.
हर वर्ग तक इसकी पहुंच
डिजिटलीकरण और ओम्नी-चैनल ई-कॉमर्स ईकोसिस्टम के साथ जुड़ाव का संबंध स्थायी आर्थिक विकास, रोजग़ार बढ़ाने, लैंगिक समानता, स्वास्थ्यसेवाओं, दवाओं, खाने, शिक्षा तक गरीबों और पिछड़े तबके के लोगों की पहुंच और खास तौर पर ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों में सरकारी योजनाओं व सुविधाओं तक पहुंच से भी हो सकता है. इससे एग्रीटेक में भी मदद मिलती है और हमारे कृषक समुदाय को मार्केटिंग के नए आयाम भी मिल रहे

  1. शिक्षा का क्षेत्र
    अब बिना किसी समस्या के घर में बैठे ही छात्र अपने कंप्यूटर और मोबाइल से पढ़ाई कर लेते हैं। ऑनलाइन क्लास का एक और फायदा यह भी है कि यदि छात्र को कोई विषय समझ में नहीं आया हो तो वीडियो के माध्यम से उस विषय को पढ़कर आसानी से समझा जा सकता है।
    कई ऑनलाइन कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जिससे छात्रों को पढ़ाई करने में काफी अधिक आसानी हुई है। अब ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से ही छात्र अपनी परीक्षा देते हैं। महामारी के दौरान लोगों ने ऑनलाइन शिक्षा की विश्वसनीयता और स्वीकार्यता को काफी अधिक सराहनीय किया है। कोरोना वायरस के कारण लोकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा से शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है
  2. भुगतान करने का क्षेत्र
    आज छोटे बड़े सभी व्यापारी डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता देने लगे हैं। डिजिटल भुगतान लोगों के आदत में आ जाने के बाद इसे काफी अधिक पसंद किया जा रहा है।
    कुछ एप्लीकेशन है जिसे बैंक से जोड़ कर के लोग आसानी से अपने भुगतान को पूर्ण करते हैं। फोन पे, गूगल पे, पेटीएम पे आदि ऐसे ऐप है जिससे लोगों के भुगतान करने की समस्या से छुटकारा दिया है।
  3. ऑनलाइन बैंकिंग या ऑनलाइन शॉपिंग का क्षेत्र
    कोरोनाकाल काल में लॉकडाउन होने के बाद अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, शॉपक्लूज और पेटीएम जैसी कंपनियों की रकम ऊंची हो गई। इसी तरह सबसे बड़े फूड उद्योग जैसे जोमैटो, स्विग्गी जैसे ऐप का सहारा लेते हुए लोग रेडीमेड खाना माँगवाने लगें। इस प्रकार लॉकडाउन में जिस उधोग ने ऑनलाइन काम किया, उसे काफी अधिक लाभ पहुंचा है।
  4. कृषि का क्षेत्र
    भारत में एक नई योजना डिजिटल कृषि की शुरुआत की गई है जिसके माध्यम से किसान घर बैठे ही अपनी फसल, मिट्टी, बीज आदि के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकता है। कृषि वैज्ञानिकों की मदद से किसान घर में बैठकर के ही फसल की बृद्धि की पूरी जानकारी प्राप्त करता है।
    5.डिजिटल मार्केटिंग का क्षेत्र
    डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसके कारण लोग अपनी मेहनत के बदौलत काफी आगे तक बढ़ रहे हैं। यहाँ किसी डिग्री की जरूरत नहीं पड़ती है। लॉकडाउन के दौरान यहां पर काफी ज्यादा लोगों ने अपने भविष्य को संवारने के लिए एक डिजिटल कार्य के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। आने वाले समय में लोग और भी अधिक इसकी और आकर्षित होंगे।
    इसी के साथ-साथ अनेक सोशल मीडिया प्लेटफ ॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर भी लोगों को उत्पादों की मार्केटिंग के लिए अच्छा खासा पैसा मिलता है। लोग अपना उत्पाद अमेजऩ,फ्लिपकार्ट जैसे ई कॉमर्स वेबसाइट पर बेच सकतें हैं।
    कोविड 19 में लोगों की हर समस्या के निवारण के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम काफी अधिक सहायक है।
    भारत सॉफ्टवेयर में नायक के रूप में जाना जाता है लेकिन यहां की आम जनता आज भी डिजिटल भारत से अपरिचित है। डिजिटल इंडिया के कार्यक्रम को देखते हुए हम सबक यह जिम्मेदारी है कि हम सरकार की सहायता करें और देश के हर कोने में डिजिटल भारत का अभियान सफल बनायें। यही सही समय है जब भारत को हम आधुनिकरण में आगे बढ़ा सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम अपने कार्य को करके देश की अर्थव्यवस्था में सहयोग कर सकते हैं।
  • प्रेमेन्द्र अग्रवाल