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सहकार से समृद्धि के मंत्र को साकार करेगी मोदी सरकार

08 JULY 2021

मोदी सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ के स्वप्न को साकार करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एक अलग ‘सहकारिता मंत्रालय’ का गठन किया है। यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करेगा।

यह सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले एक सच्चे जनभागीदारी आधारित आंदोलन को मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगा। देश में सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल बहुत प्रासंगिक है जहां प्रत्येक सदस्य अपनी जिम्मेदारी की भावना के साथ कार्य करता है।

यह मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए ‘कारोबार में सुगमता’ के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) के विकास को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य करेगा। केंद्र सरकार ने समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है। सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय का गठन भी वित्त मंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा को पूरा करता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इसकी घोषणा की थी। इस कदम को किसानों को सशक्त करने के एक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। मोदी सरकार ने इससे पूर्व जल शक्ति मंत्रालय के रूप में एक नए मंत्रालय का गठन किया था।

सहकारिता मंत्रालय की योजना

मंत्रालय सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने वाले आंदोलन को मजबूती देगा।

सरकार इस मंत्रालय के जरिये सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम करेगी।

इसके जरिये को-ऑप‍रेटिव्‍ज यानी सहकारी समितियां लोगों से गहराई से जुड़ सकेंगी।

इसके अलावा मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए  ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को आसान बनाएगा।

मल्‍टी-स्‍टेट को-ऑपरेटिव्‍ज (एमएससीएस) के विकास को बेहतर करने के लिए काम करेगा।

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 बजट घोषणा का हिस्सा

अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन वित्त मंत्री की ओर से की गई बजट घोषणा का हिस्‍सा था। वित्त मंत्री ने बजट में अलग सहकारिता मंत्रालय को लेकर बजट में घोषणा की थी। ऐसे में सरकार ने इसे लेकर अपना वादा पूरा किया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूती देने के लिए एक अगल प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा।

किसानों को सशक्त बनाने के रूप में देखा जा रहा फैसला

केंद्र सरकार ने समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है। इस फैसले को किसानों को सशक्त बनाने के कदन के रूप में भी देखा जा रहा है।

 कोऑपरेटिव्स से जुड़े घोटालों पर भी लगेगी लगाम?

देश में पिछले कुछ सालों में कोऑपरेटिव्स से जुड़े घोटालों में काफी इजाफा हुआ है। इन पर अंकुश लगाने के लिए भी एक कानूनी फ्रेमवर्क की जरूरत है। हाल ही में महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है।