09 july 2021
मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार महिलाओं को ख़ूब तरज़ीह दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं के सम्मान और उनके सशक्तिकरण को हमेशा प्राथमिकता दी है।
पिछले सात सालों में उन्होंने ऐसे कई क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम उठाए, जिनसे नारी शक्ति को सशक्त बनाने की उनकी प्रतिबद्धता दिखाई देती है। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास को अपने शासन का मूल मंत्र बनाने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने शासन संचालन में भी समाज के सभी वर्गों और समुदायों की महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया है। मोदी सरकार में साल 2014 से अब तक आठ महिला राज्यपालों और उप-राज्यपालों को नियुक्त किया गया है। इनमें से 5 एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों से हैं। आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनीं किसी भी सरकार में इतनी संख्या में महिलाओं को राज्यपाल नहीं बनाया गया था।
7 महिलाओं को पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, इसमें अनुप्रिया पटेल दूसरी बार मंत्री बनी हैं बाकी सभी महिलाएं पहली बार मंत्री बनी हैं। इस तरह देखा जाए तो अब मोदी मंत्रालय में महिलाओं की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में महिलाओं का प्रतिनिधित्व इस रूप में दिखा है।
कैबिनेट विस्तार से पहले वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल विकास मंत्री के तौर पर स्मृति ईरानी समेत कई महिला मंत्री कार्य कर रहीं थीं। अब भाजपा की मीनाक्षी लेखी, शोभा कारंदलजे, दर्शना जरदोश, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, भारती पवार और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है।
जिन 7 महिलाओं को इस बार मौका दिया गया है, उनमें केंद्रीय मंत्रिमंडल में दिल्ली से मीनाक्षी लेखी प्रतिनिधित्व करती नज़र आएंगी, जिन्हें विदेश राज्य मंत्री और संस्कृति राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।
वहीं, अगर कर्नाटक की शोभा कारंदलजे की बात करें तो संघ से उनका बेहद जुड़ाव है। कहा ये भी जाता है संघ को पूर्णकालिक समय देने की वजह से उन्होंने शादी नहीं की थी। इसी निष्ठा और लगन का परिणाम है कि आज उन्हें कृषि कल्याण राज्यमंत्री का दायित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौंपा है।
दर्शना जरदोश, गुजरात के सूरत से लगातार तीसरी बार सांसद चुनकर आई हैं। उन्हें इस बार केंद्रीय रेल राज्य और कपड़ा राज्य मंत्री बनाया गया है।
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