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नहीं दे सकता मां का प्यार… कोई ले ले मेरे बच्चों को

बच्चों की देखभाल के चक्कर में काम-धंधा हुआ ठप तो पड़ गए खाने के लाले
बरेली। मां तो नौ महीने की बेटी और तीन साल के बेटे को उनके हाल पर छोड़कर चुपचाप चलती बनी, पिता की समझ में नहीं आ रहा है कि वह उनका पालन-पोषण करे या काम पर जाए।

काफी दिनों उलझन में फंसे रहने के बाद बृहस्पतिवार को दरगाह आला हजरत पहुंचे इस शख्स ने यह कहते हुए मदद की गुजारिश की कि वह न अपने बच्चों को मां का प्यार दे पा रहा है न उनकी देखभाल कर पा रहा है। उसके बच्चे किसी को दिला दिए जाएं।दरगाह पर बृहस्पतिवार को जमात रजा मुस्तफा की ओर से जनता दरबार लगता है।