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दोस्त को बचाते हुए खाई में गिरकर शहीद हुए मेजर, डेढ़ साल की बिटिया ने ऐसे दी विदाई

अरुणाचल प्रदेश के तंबोला में तैनात थे मेजर पंकज पांडे 19 जुलाई की सुबह करीब 15 हजार फीट पर ड्यूटी दौरान गिरे थे खाई मेंदोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पंकज की मौत हो गई थीसुधांशु मिश्र, हरदोई
यूपी के हरदोई जिले की कोतवाली देहात क्षेत्र के महोलिया शिवपार इलाके में रहने वाले पंकज पांडे सेना में मेजर के पद तैनात थे। ड्यूटी के दौरान अरुणाचल प्रदेश के तंबोला में एक साथी को खाई में गिरने से बचाने के प्रयास में गिरकर शहीद हो गए। मेजर का अंतिम संस्कार मुख्य यूनिट असम लेखापानी में शनिवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान उनकी डेढ़ वर्षीय बेटी अरु अपने नन्हें पैरों पर चलकर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी तो लोगों के आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा।

कोतवाली हरदोई देहात के महोलिया शिवपार इलाके में रहने वाले अवधेश पांडे के बड़े बेटे पंकज पांडे सेना में मेजर के पद तैनात थे। इन दिनों उनकी ड्यूटी अरुणाचल प्रदेश के तंबोला में थी। 19 जुलाई की सुबह करीब 15 हजार फीट पर ड्यूटी दौरान एक साथी खाई में गिर रहा था। जिसको बचाने का प्रयास पंकज ने किया, लेकिन इस दौरान वे और साथी नीचे खाई में गिर गए। दोनों को खाई से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान पंकज की मौत हो गई।

डेढ़ वर्षीय बेटी ने दी श्रद्धांजलि
पंकज के शव को सैन्य सम्मान के साथ मुख्य यूनिट असम लेखापानी में शनिवार की सुबह गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पंकज के पिता अवधेश, पत्नी कंचन और डेढ़ वर्षीय बेटी अरु भी वहां मौजूद रहीं। अंतिम संस्कार के वक्त वहां मौजूद लोगों के आंसू उस वक्त बह चले, जब शहीद पंकज की बेटी अरु अपने नन्हें पैरों पर चलकर अपने पिता के शव के पास पहुंची और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। डेढ़ वर्षीय अरु तब तक अपने पिता के शव के पास खड़ी रही, जब तक उनका अंतिम संस्कार नहीं हो गया।

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बेटी को सिखाते थे परेड
पंकज जब भी घर आते थे तो अपनी बेटी को गोद में लेकर लेफ्ट-राइट परेड की तरह पैर चलाना सिखाते थे। इस दौरान वे अपनी बेटी को गोद में लेते और लेफ्ट कहते तो बेटी लेफ्ट पैर उठाती तो वह पैर को चूमते और जब राइट कहते तो बेटी राइट पैर उठती तो वे फिर उस पैर को चूमते थे।