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पश्चिम बंगाल के पास पड़े हैं 52 लाख टीके कोरोना पर राजनीति क्यों कर रही है ममता बैनर्जी?

06 aug 2021


मोदी सरकार की तरफ से इस बात की घोषणा कर दी गई है कि 18 साल से ऊपर के उम्र के सभी लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा। इसको लेकर राज्यों को सीधे अब केंद्र की तरफ से टीके का वितरण भी किया जा रहा है। कई राज्य टीके लगाने में रोज नया कीर्तिमान भी स्थापित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि कोरोना के कहर को कम करना है तो टीकाकरण सबसे प्रमुख समाधान है। इसके साथ ही लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और हाथ को बार-बार साफ करने की अपील भी की जा रही है। सरकार लोगों से टीकाकरण में सहयोग की भी अपील कर रही है ताकि इस जानलेवा वायरस के प्रभाव से निजात पाया जा सके। लेकिन कई राजनीतिक दल और कई राज्य की सरकारें केंद्र के साथ इस मामले पर सहयोग करने की बजाए पूरी योजना को लेकर लगातार राजनीति कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसको लेकर पहले से ही राजनीति करती आई हैं। वह जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली आईं थीं तब भी उन्होंने यही मांग दुहराई थी कि कोरोना के टीके की उपलब्धता उनके राज्य में बढ़ाई जाए। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पश्चिम बंगाल के पास अभी भी कोरोना वैक्सीन के 52 लाख से ज्यादा डोज पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार की डिमांड रोज बढ़ती जा रही है।
अब एक बार फिर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को इस मामले में पत्र लिखा है और इस बात का आरोप लगाया है कि टीका वितरण के मामले में केंद्र सरकार प्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है। इसके साथ ही ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि भाजपा शाषित राज्यों को केंद्र सरकार ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध करा रही है जबकि अन्य राज्यों के साथ पश्चिम बंगाल के साथ केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है। लेकिन यह भी आश्चर्य की बात है कि अभी भी पश्चिम बंगाल के पास जितने टीके का डोज स्टॉक में पड़ा है वह किसी भी दूसरे राज्य के मुकाबले सबसे ज्यादा है। केंद्र सरकार की तरफ से इस बात की भी जानकारी भी दी गई कि वैक्सीन का सबसे ज्यादा स्टॉक अभी महाराष्ट्र के पास है और वह भी भाजपा शाषित प्रदेश नहीं है।