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UP की सबसे बड़ी डिफाल्टर श्री लक्ष्मी कॉटसिन पर CBI छापा…

कानपुर की एक और डिफाल्टर कंपनी पर सीबीआई ने छापेमारी की कार्रवाई है। श्री लक्ष्मी कॉटसिन के मालिक एमपी अग्रवाल यूपी के सबसे बड़े डिफाल्टर घोषित किए गए हैं। एमपी अग्रवाल पर 6000 करोड़ रुपये का कर्ज है। शनिवार को दिल्ली सीबीआई की टीम ने एक साथ कानपुर, फतेहपुर, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई प्रतिष्ठानों में एक साथ छापेमारी की गई है।

श्री लक्ष्मी कॉटसिन का मुख्यालय कानपुर के कृष्णापुरम में है। इसकी एक यूनिट फहतेहपुर के मलवां के पास है। श्री लक्ष्मी कॉट्सिन तीन साल पहले डिफाल्टर घोषित कर दी गई थी। कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल, फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के बाद श्री लक्ष्मी कॉटसिन यूपी की सबसे बड़ी डिफाल्टर बन गई है। कंपनी के एमडी एमपी अग्रवाल की पत्नी बीमार हैं। एमपी अग्रवाल पत्नी का निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

विदेशी कंपनी अधिग्रहण करने की तैयारी में थी
श्री लक्ष्मी कॉटसिन डिफाल्टर घोषित होने के बाद दो विदेशी कंपनियां इसे अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही थी। लेकिन बाद में विदेशी कंपनियों ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इसके बाद महाराष्ट्र की एक कंपनी ने भी अधिग्रहण की इच्छा जताई थी, लेकिन बात नहीं बन पाई थी।

बुलेटप्रूफ जैकेट्स और ब्लास्टप्रूफ वाहन बनाती थी
एमपी अग्रवाल ने वर्ष 1993 में श्री लक्ष्मी कॉट्सिन लिमिटेड की शुरुआत की थी। इस कंपनी ने बुलेटप्रूफ जैकेट्स, ब्लास्टप्रूफ वाहन और प्रतिरक्षा उत्पादों का निर्माण करती थी। इसके बाद वर्ष 2006 में डेनिम कपड़ों का उत्पादन कर क्रांति मचा दी थी। इसके बाद डेनिम कपड़े के उत्पादन की क्षमता दो गुना करने के लिए 85 करोड़ का बैंक से लोन लिया था।

डेनिम का उत्पादन दो गुना होने के बाद श्री लक्ष्मी कॉट्सिन ने रुड़की और हरियाणा में भी यूनिटें लगाईं थी। 2010 से श्री लक्ष्मी कॉट्सिन के उल्टे दिन शुरू हो गए थे। टेक्निकल टेक्सटाइल के उत्पादन के लिए बैंक से बड़ी रकम लोन लेने के बाद लगाई थी, जिसमें भारी नुकसान हुआ था। कंपनी के मालिक एमपी अग्रवाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और नैशलन कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में केस हार चुके हैं।