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‘योगी की लीडरशिप में अगर BJP विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो हम कतई नहीं करेंगे गठबंधन’

लखनऊ
अगले साल 2002 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दल दावे और वादे करने की कवायद में जुट गए हैं। इस बीच अटकलें लग रही हैं कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर बीजेपी संग गठबंधन कर सकते हैं। इन अटकलों के बीच यूपी के पूर्व मंत्री राजभर ने दावा किया कि बीजेपी भले ही उनकी सभी शर्त मान ले, लेकिन यदि पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा तो वह उससे गठबंधन नहीं करेंगे।

राजभर ने कहा, ’27 अक्टूबर को हम अपनी पार्टी का स्थापना दिवस मनाएंगे और उसी दिन 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने फैसले की घोषणा करेंगे। उन्‍होंने दावा किया कि इसी दिन (27 अक्टूबर को) बीजेपी की विदाई की तारीख भी तय हो जाएगी। योगी सरकार में 2017 से 2019 तक पिछड़ा वर्ग व दिव्यांग जन कल्‍याण मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अव्‍वल तो बीजेपी से उनका (सुभासपा) गठबंधन नहीं होने वाला है, लेकिन अगर कहीं कोई संभावना बनी तो बीजेपी को हमारी शर्तें माननी पड़ेगी। इन शर्तों में देश में जातिवार गणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, पिछड़ी जाति का मुख्यमंत्री घोषित करना, एक समान और अनिवार्य निशुल्क शिक्षा आदि शामिल है।

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’72 घंटे में गरीब सवर्णों के लिए लागू करें आरक्षण तो…’
पूर्व मंत्री राजभर ने कहा, ‘इनकी डबल इंजन की सरकार है और अगर 72 घंटे में गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण लागू कर सकते हैं तो हमारी मांगों को भी अभी पूरा किया जा सकता है। सभी मांगे पूरी होने के बाद ही किसी तरह की बातचीत होगी।’ राजभर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिस तरह सभाओं में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की झूठी तारीफ कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि अगला विधानसभा चुनाव योगी के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा और ऐसी स्थिति में हम बीजेपी से कतई गठबंधन नहीं करेंगे।’

2019 में योगी सरकार से बर्खास्‍त किए गए राजभर
वर्ष 2002 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की स्थापना करने वाले राजभर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से गठबंधन किया था। समझौते में मिली आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जिसमें उनके समेत पार्टी के कुल चार उम्मीदवार विजयी हुए। इस चुनाव में राजभर की पार्टी को कुल मतदान का 0.70 प्रतिशत और लड़ी सीटों का 34.14 प्रतिशत वोट मिला। राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया, लेकिन उनके विद्रोही तेवर को देखते हुए मई 2019 में योगी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। तब से वह बीजेपी के खिलाफ लगातार आग उगल रहे हैं।