रामनगर थाना क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध लोधेश्वर महादेव मन्दिर में सावन के दिनों में जलाभिषेक के लिए एक दिन पहले स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ अन्य जिलों से लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। जिस भीड़ को कंट्रोल करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहती है।
तालाब में डूब कर दो श्रद्धालुओं की हुई थी मौत
बीते एक अगस्त की रात प्रशासनिक लापरवाही और बदइंतजामी के चलते मन्दिर परिसर में भगदड़ के दौरान दो श्रद्धालुओं की तालाब में डूब कर मौत हो गई थी। इस घटना से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद प्रशासन और मंदिर कमेटी ने सावन के शेष बचे सोमवारों को मंदिर के कपाट बंद रखने का निर्णय लिया है।
माइक, लाउडस्पीकर से की गया अलाउंस
मंदिर के कपाट बंद करने की सूचना को लेकर पुलिस-प्रशासन ने माइक और लाउडस्पीकर से अलाउंस कर इलाके में श्रद्धालुओं को मन्दिर में जलाभिषेक करने न आने की सूचना दी है। इसके साथ ही रामनगर की सीमाओं पर अन्य जनपदों से महादेवा की ओर आने वाले श्रद्धालुओं को बैरियर से वापस लौटा दिया जा रहा है।
पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किया जा रहा वापस
सावन के सोमवार को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। मन्दिर परिसर क्षेत्र में 20 से बैरियर से अधिक लगाकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और बाहर से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को रास्ते से लौटाया जा रहा है।
एसडीएम, सीओ ने किया निरीक्षण
रविवार को रविवार सुबह भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। एसडीएम राजीव शुक्ला और सीओ दिनेश दुबे ने मंदिर परिसर पहुंच कर निरीक्षण किया। हालांकि, मंदिर परिसर में स्थित तालाब में जाल लगाने के साथ पीएसी की प्लड टीम भी मुस्तैद कर दी गई है। वहीं, मंदिर बंद होने से कुछ शिव भक्त दहलीज पर माथा टेक कर लौट गए।
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