आजमगढ़ जिले में एकसाथ पांच पीढ़ियों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण एवं बुजुर्गों के सम्मान का संदेश दिया। रविवार को सुरजीपुर गांव के रामरेखा चौबे (119), केदार चौबे (80), पौत्र सुशील कुमार चौबे (55), परपौत्र अमित कुमार (30) और पांचवीं पीढ़ी के आगम (4) के हाथों पूर्व दिशा में पीपल, उत्तर में बेल, दक्षिण में आंवला, पश्चिम में बरगद और दक्षिण-पूर्व में सीता अशोक का पौधा लगाया।
पौधारोपण कार्यक्रम के पूर्व वयोवृद्ध रामरेखा चौबे ने आज के ही दिन 1942 को शुरू हुए असहयोग आंदोलन और गांधी जी की बातों को बताया। उम्र के कारण बहुत सारी घटनाएं टुकड़ों-टुकड़ों में आज भी उन्हें याद है। जॉर्ज पंचम के 1910 में राजा बनने की चर्चा भी की। देश की गुलामी को देखे हुए रामरेखा चौबे ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो सब एक गांव से दूसरे गांव में तिरंगा लेकर दौड़ रहे थे।
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पूर्व प्राचार्य डॉ. भगत सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम से पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ-साथ परिवार में बुजुर्गों के सम्मान करने का नई पीढ़ी को बढ़ा संदेश दिया है। इसी क्रम में संस्था द्वारा आयोजित महाराजगंज ब्लॉक के भीलमपुर ग्राम में चार पीढ़ियों ने एक साथ आंवला का पौधारोपण किया। परिवार के मुखिया मानबहादुर सिंह (90 वर्ष) के साथ उनके पुत्र विनोद सिंह (60 वर्ष), प्रपौत्र रवि सिंह (34 वर्ष) और रवि सिंह की पुत्री शताक्षी (10 वर्ष) ने मिलकर पौधारोपण किया।
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