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एडा अथॉरिटी का बड़ा फैसला, बेटे की तरह अब बेटी के लिए भी छोड़ेगी जमीन

नोएडा अथॉरिटी ने अपने क्षेत्र में आने वाले 81 गांव में बेटियों के लिए बड़ा फैसला लियाअब आबादी विनयमितीकरण में अविवाहित बेटी को भी बराबरी का हक मिलेगाजिस तरह किसान की जमीन में मिलता है बेटों को हिस्सा, उसी तरह बेटियों को भी मिलेगानोएडा
नोएडा अथॉरिटी ने अपने क्षेत्र में आने वाले 81 गांव में बेटियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब आबादी विनयमितीकरण में अविवाहित बेटी को भी बराबरी का हक मिलेगा। परिवार में बेटे के रहने के लिए अथॉरिटी जिस तरह से किसान की जमीन में 450 वर्ग मीटर छोड़ती थी, उसी तरह अगर अविवाहित बेटी है तो उसके लिए भी इतनी ही जमीन छोड़ेगी।

अभी तक अथॉरिटी आबादी के लिए जमीन छोड़ने में अविवाहित बेटी की गणना नहीं करती थी। बाकी परिवार के सभी सदस्य और बेटे को जोड़कर प्रति सदस्य 450 वर्ग मीटर जमीन छोड़ने का मानक था। यह जानकारी नोएडा अथॉरिटी के ओएसडी और भूलेख विभाग प्रभारी अविनाश त्रिपाठी ने दी।

ओएसडी ने बताया कि आबादी विनियमितीकरण के जो पुराने प्रकरण हैं सभी का निस्तारण करवाया जाना है। एक एजेंसी का भी चयन इसके लिए कर लिया गया है। आबादी विनियमितीकरण में बेटी को हक मिलने से परिवार को 450 वर्ग मीटर जमीन ज्यादा छूटेगी। इसके साथ ही बेटी का भी पिता की संपत्ति में एक तरह से हक हो जाएगा।

आबादी विनियमितिकरण क्या होता है
अथॉरिटी किसी गांव की जमीन को अधिग्रहित करती है। मान लें वहां रह रहे किसी एक किसान के पास 10 बीघा जमीन है। किसान दावा करता है कि वह अपनी जमीन के एक हिस्से में रह रहा है। इस पर किसान परिवार को रहने के लिए जो जमीन अथॉरिटी छोड़ती है उसे आबादी विनियमितिकरण कहते हैं। इसमें परिवार के प्रति सदस्य 450 वर्ग मीटर का मानक तय है।

गांव नहीं नोएडा अधिसूचित क्षेत्र माना जाएगा
अभी तक अगर किसी किसान का बहलोलपुर में निवास रेकॉर्ड दर्ज है लेकिन वह अगर सर्फाबाद में अपना घर दिखाता था तो अथॉरिटी उसे अतिक्रमण मानती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अथॉरिटी ने पूरे एरिया के 81 गांव को अधिसूचित क्षेत्र कर दिया है। किसान के दो गांव में अगर घर मिलते हैं और बाकी मानक पूरे होते हैं तो विनियमितीकरण आसानी से हो सकेगा।

किसान सहायता प्रकोष्ठ का पूरा सेटअप अलग ही होगा
किसानों की समस्याओं और मांगों के निस्तारण के लिए अथॉरिटी ने सिंगल विंडो किसान सहायता प्रकोष्ठ बनाया है। यह प्रकोष्ठ अथॉरिटी के सेक्टर 6 दफ्तर से बाहर ही रखने की तैयारी है। ऐसा होने पर किसानों को बेवजह अपने काम के लिए अथॉरिटी दफ्तर के विभागों में भटकना नहीं पड़ेगा। एंट्री के लिए पास का झंझट भी खत्म होगा।

सांकेतिक तस्वीर